राजस्थान में कोरोना वायरस के नए मामले अब काफी कम आ रहे है, ऐसे में प्रदेश की गहलोत सरकार लगातार कोरोना पर नजर बनाए हुए है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि केन्द्र सरकार को भी राज्य सरकार के कोरोना राहत पैकेज के अनुरूप पीड़त परिवारों को अधिक सहायता उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
अधिकारी हर पात्र पीड़ित परिवार तक इसका लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करें
गहलोत ने गुरुवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की समीक्षा बैठक में यह बात कही। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने वैश्विक महामारी कोरोना के पीड़त परिवारों के लिए मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना के तहत राहत पैकेज की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि अधिकारी हर पात्र पीड़त परिवार तक इसका लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करें।
राजस्थान सरकार ने अनाथ बालक-बालिका, विधवा महिला एवं विधवा महिला के बालक-बालिका के लिए एक बेहतर कोरोना राहत पैकेज की घोषणा की है। केन्द्र सरकार भी राज्य सरकार के पैकेज के अनुरूप पीड़त परिवारों को अधिक सहायता उपलब्ध कराए।
सहायता भी 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर मिलती है
उन्होंने कहा कि अभी तक केन्द्र सरकार की ओर से केवल अनाथ बच्चों के लिए ही सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। यह सहायता भी 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर मिलती है। ऐसे में पीड़त परिवारों को संकट की इस घड़ में तात्कालिक रूप से यथोचित सहायता नहीं मिल पा रही है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव समित शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना के तहत अब तक 13 हजार 701 व्यक्तियों को 91 करोड़ 42 लाख रूपये की सहायता उपलब्ध कराई जा चुकी है।
इससे पहले कोविड के दौरान असहाय एवं निराश्रित 32 लाख परिवारों को पांच किश्तों में 1865 करोड़ रूपये की अनुग्रह सहायता का भुगतान किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रशासन गांवों के संग अभियान के दौरान विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में करीब एक लाख स्वीकृतियां जारी कर लोगों को लाभान्वित किया गया है।