कोरोना संकट के बीच प्रवासी श्रमिकों और अन्य लोगों के आवागमन पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि प्रवासी श्रमिकों और अन्य लोगों का आवागमन शुरू होने के बाद कोरोना संक्रमण गांवों में नहीं फैले यह सुनिश्चित करना अगली बड़ी चुनौती है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने आज जयपुर एवं अजमेर संभाग के विधायकों और सांसदों के साथ कोरोना वायरस संक्रमण से उपजे संकट को लेकर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे राजस्थान के श्रमिक और प्रवासी अब लौटने लगे हैं और उन्हें निश्चित अवधि के क्वारंटाइन में रहना होगा।
CM गहलोत ने केंद्र को दिया सुझाव, कहा- शहरी गरीबों के लिए रोजगार गारंटी योजना लाए सरकार
गहलोत ने जनप्रतिनिधियों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि लौटने पर प्रवासी श्रमिकों और अन्य लोगों का स्वागत हो। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि कोरोना वायरस संक्रमण गांवों में नहीं फैले। उन्होंने कहा कि गांवों को इस घातक वायरस से बचाए रखना होगा और यह अगली बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि लगभग 19 लाख प्रवासियों ने घरवापसी के लिए पंजीकरण करवाया है। चार पांच लाख लोग ऐसे हैं जो राजस्थान से अपने अपने गृह राज्यों को जाना चाहते हैं।
जयपुर के सांसद रामचरण बोहरा द्वारा उठाए गए बिंदुओं पर मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को दिग्भ्रमित किया गया है कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने जयपुर व जोधपुर में मुस्लिम समुदाय के लोगों को छूट दी जिस कारण कोरोना वायरस के मामले बढ़ गए। गहलोत ने कहा कि किसी महामारी के समय सरकार ऐसी छूट कैसे दे सकती है।
राजस्थान में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 4035 हो गयी है। अब तक कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों की कुल संख्या 115 है। केवल जयपुर में कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा 59 हो गया है जबकि जोधपुर में 17 और कोटा में 10 रोगियों की मौत हो चुकी है।