राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के डूंगरपुर में मांगों को लेकर हुए उपद्रव एवं हिंसक प्रदर्शन को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि कानून को अपने हाथ में लेने का किसी को अधिकार नहीं है। गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि डूंगरपुर में उपद्रव एवं हिंसक प्रदर्शन बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। विरोध करने के संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल हो, शांतिपूर्ण प्रदर्शन हों लेकिन कानून को अपने हाथ में लेने का किसी को अधिकार नहीं है।
उन्होंने प्रदर्शनकारियों से शांति एवं कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करने की अपील की। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के डूंगरपुर में युवाओं के हिंसक प्रदर्शन को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए प्रदर्शनकारियों से कानून व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग की अपील की है।डूंगरपुर में उपद्रव एवं हिंसक प्रदर्शन बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। विरोध करने के संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल हो,शांतिपूर्ण प्रदर्शन हों लेकिन कानून को अपने हाथ में लेने का किसी को अधिकार नहीं है।प्रदर्शनकारियों से मेरी अपील है कृपया शांति एवं कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) September 25, 2020
गहलोत ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘‘डूंगरपुर में उपद्रव व हिंसक प्रदर्शन बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं। विरोध करने के संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल हो,शांतिपूर्ण प्रदर्शन हों लेकिन कानून को अपने हाथ में लेने का किसी को अधिकार नहीं है। ’’ मुख्यमंत्री ने लिखा, ‘‘प्रदर्शनकारियों से मेरी अपील है कृपया शांति व कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें।’’
गौरतलब है कि डूंगरपुर जिले में शिक्षक भर्ती 2018 के अनारक्षित रिक्त पदों को अनुसूचित जाति वर्ग से भरने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन ने बृहस्तिवार को उग्र रूप ले लिया था। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस दल पर पथराव किया और पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने हालात पर काबू पाने के लिए हल्का बल प्रयोग भी किया। सूत्रों के अनुसार प्रदर्शनकारियों का प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार शाम यहां मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सकता है।