कृषि कानूनों को लेकर राजस्थान कांग्रेस के नेता और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि किसान महापंचायत में उमड़ी किसानों की भीड़ से लगता है कि देश के किसान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से त्रस्त हो चुके है और वे उसे सबक सिखाने में पीछे नहीं रहेंगे। गहलोत ने रविवार रात यह बात कही। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर की किसान महापंचायत में उमड़ी किसानों की भारी भीड़ दिखाती है कि उत्तर प्रदेश और देश का किसान भाजपा से त्रस्त हो चुका है।
मुजफ्फरनगर की किसान महापंचायत में उमड़ी किसानों की भारी भीड़ दिखाती है कि उत्तर प्रदेश और देश का किसान भाजपा से त्रस्त हो चुका है। राजस्थान में कल आए पंचायतीराज के नतीजों से साफ हो गया है कि किसानों में भाजपा के खिलाफ भारी नाराजगी है और वो भाजपा को सबक सिखाने के मूड में हैं।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) September 5, 2021
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की किसानों के प्रति सोच जगजाहिर है। समय आने पर देश के किसान भाजपा को सबक सिखाने में पीछे नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि पहले 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का झूठा वादा एवं अब किसानों को विश्वास में लिए बिना किसान विरोधी कृषि कानून थोपकर खेती को बड़े व्यापारियों के हवाले करने के प्रयास को किसान पूरी तरह पहचान चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में 6 जिलों में पंचायतीराज के नतीजों से साफ हो गया है कि किसानों में भाजपा के खिलाफ भारी नाराजगी है और वे भाजपा को सबक सिखाने के मूड में हैं।
उधर उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ ने गहलोत के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को केन्द्र सरकार पर झूठे वादों का आरोप लगाने से पहले अपने जन घोषणा पत्र में किए गए वादे किसानों का संपूर्ण कर्जमाफी, पांच वर्ष में विद्युत दरें नहीं बढ़ाने, बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने जैसे अनेकों वादों को याद कर लेते तो उचित होता। राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार के कार्यकाल का आधे से ज्यादा समय बीतने के बाद अच्छा रहता कि सरकार प्रदेश के किसानों के हितों में लिए गए एक भी सार्थक निर्णय की चर्चा करती।