राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बूंदी जिले में बुधवार को नदी में बस गिरने से मारे गए 24 लोगों के परिजनों से शुक्रवार को मुलाकात करने जाएंगे। इस दुर्घटना में 24 लोगों की मौत हुई व 4 अन्य घायल हुए थे। जानकारी के मुताबिक बस में 28 लोग सवार थे, जो कोटा से सवाई माधोपुर जा रहे थे। हादसा बूंदी के कोटा लालसोट मेगा हाईवे पर हुआ।
इस मामले में सरकार की ओर से बयान देते हुए धारीवाल ने कहा कि इस हादसे के कारण को लेकर मीडिया में काफी कुछ आ रहा है और यह जांच का विषय है। उन्होंने कहा,’‘ लेकिन आपदा प्रबंधन विभाग जिला नियंत्रण कक्ष बूंदी से मिली सूचना के अनुसार प्रथम दृष्टया दुर्घटना का कारण बस का टायर फटना है, जिसके कारण वाहन अनियंत्रित हो गया और पुलिया से नीचे नदी में गिर गया।
इससे यह हादसा हुआ।’ धारीवाल ने कहा कि दुर्घटनाग्रस्त बस के पास उस रूट पर चलने का अस्थाई परमिट, बीमा व फिटनेस प्रमाण पत्र जैसे सभी जरूरी दस्तावेज थे। इन सब दस्तावेजों की जांच तीन अधिकारियों का एक दल कर रहा है। दल यह भी जांच करेगा कि बस के नदी में गिरने का असली कारण क्या रहा। उन्होंने कहा कि इस दुर्घटना के संबंध में बस चालक श्याम सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
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श्याम सिंह की भी इस दुर्घटना में मौत हो गयी। धारीवाल ने कहा कि दुर्घटना के संभावित तकनीकी व मानवीय पहलुओं की जांच कर ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। धारीवाल ने कहा कि हादसे के बाद परिवहन व चिकित्सा मंत्री कल कोटा गए और मृतकों के परिजनों से मिलकर संवेदना व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने सरकार की ओर से पूरी मदद का आश्वासन दिया।
धारीवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व वह खुद शुक्रवार को कोटा जाकर पीड़ितों से मिलेंगे। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया व उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ सहित कई अन्य विधायकों ने इस मुद्दे को उठाया। कटारिया ने इस दर्दनाक हादसे से बेसहारा हुए छोटे बच्चों को नियमित आर्थिक सहायता के अलावा वित्तीय सहायता राज्य सरकार द्वारा किए जाने की बात की। राठौड़ ने मृतकों के आश्रितों को दो लाख रुपये के बजाय दस-दस लाख रुपये का मुआवजा दिये जाने की मांग की।
जब धारीवाल ने जिस हाईवे पर दुर्घटना हुई उसके निर्माण भाजपा सरकार के कार्यकाल में होने की बात की तो विपक्षी विधायकों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी और वे बहिर्गमन कर गए। बाद में अध्यक्ष ने हस्तक्षेप करते हुए संसदीय कार्यमंत्री से कहा कि बेसहारा हुए छोटे बच्चों को नियमित आर्थिक सहायता के अलावा राज्य सरकार क्या वित्तीय व्यवस्था करेगी और उनकी पढ़ाई के संबंध में क्या व्यवस्था करेगी इस बारे में उससे अपनी बात रखने को कहा।
कटारिया ने इसकी जांच सम्बद्ध अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट से करवाने की बात की जिसे संसदीय कार्यमंत्री ने मान लिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने इसी बजट भाषण में घोषणा की थी कि सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति गठित की जाएगी। इसका गठन शीघ्र कर दिया जाएगा।
अध्यक्ष जोशी ने उम्मीद जताई कि बजट भाषण पर हुई चर्चा पर अपने जवाब में इस दुर्घटना में बेसहारा हुए बच्चों के संबंध में कोई अतिरिक्त घोषणा करेंगे। इससे पहले सदन ने दुर्घटना में मरे लोगों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की।