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राजस्थान की सियासत में लगातार बढ़ रही तकरार, कांग्रेस के बाद अब BJP हुई अंदरूनी दरार की शिकार

राजस्थान की सियासत में कांग्रेस के बिच की तकरार अभी थमी भी नहीं थी कि अब भाजपा में दरार की खबरें आ रही हैं।

राजस्थान की सियासत में बवाल मचा हुआ है। पक्ष और विपक्ष दोनों ही पार्टियों में अंदरूनी मनमुटाव जारी है, प्रदेश में कांग्रेस के बिच की तकरार अभी थमी भी नहीं थी कि अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में दरार की खबरें आ रही हैं। भाजपा प्रदेश मुख्यालय के बाहर लगे होर्डिंग में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की फोटो नहीं लगाने के बाद से पार्टी में जुबानी जंग शुरू हो गई है। यह जुबानी जंग भाजपा नेता और पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल के एक बयान के बाद शुरू हुई है, जिसकी राजनीतिक गलियरों में चर्चा काफी बढ़ गई है। 
दरअसल, प्रहलाद गुंजल ने एक इंटरव्यू में कहा मैं अपने अनुभव से कह सकता हूं कि राजस्थान में वसुंधरा राजे जितना बड़ा कद और बड़ा मन किसी और नेता का नहीं है। मैं उनके विरोध में भी खड़ा रहा और अब उनके साथ भी हूं, दोनों अनुभव से कह रहा हूं। प्रहलाद गुंजल ने वसुंधरा राजे का पुरजोर समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें आगे रखे बिना राजस्थान में भाजपा सत्ता में नहीं आ सकती। उन्होंने कहा वसुंधरा राजे सर्वमान्य नेता हैं। राजस्थान में दूसरा ऐसा कोई नेता नहीं है, जिसके दम पर सत्ता मिल जाए। 
प्रहलाद गुंजल ने आगे कहा कि चाहे कोई भी नेता हो वसुंधरा राजे हों, सतीश पूनिया हों या अन्य कोई नेता हों, सबका मकसद यही है कि राजस्थान में भाजपा का शासन आए। 2018 के चुनाव से पहले भी यह चर्चा हमारे ही लोगों ने चलाई थी कि मुख्यमंत्री का चेहरा बदल दीजिए राजस्थान में भाजपा की सरकार बनेगी। गुंजल ने कहा भाजपा के अभी जितने मुख्यमंत्री के दावेदार हैं, उनकी पहचान मेरे जितनी है और कइयों की तो कम ही है। हम जैसे लोगों को आगे करने से भाजपा सत्ता में नहीं आ सकती। 
उन्होंने कहा कि प्रदेश में वसुंधरा राजे 2-2 बार प्रचंड बहुमत लेकर आईं, इस बात को नजरंअदाज नहीं किया जा सकता। बता दें कि प्रहलाद गुंजल ने गुर्जर आरक्षण के मामले  पर भाजपा छोड़कर वसुंधरा राजे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया थ। इसके बाद वह फिर भाजपा में वापस लौटे, अब वे वसुंधरा राजे खेमे में हैं। 2013 के विधानसभा चुनाव में गुंजल ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को हराया था। हालांकि, साल 2018 के चुनाव में प्रहलाद गुंजल शांति धारीवाल से हार गए थे।

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