राजस्थान में जारी सियासी संग्राम अभी थमा नहीं है। 24 जुलाई के राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हुए याचिका दायर की है। हाई कोर्ट ने इन विधायकों के मामले में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था।
पार्टी के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी द्वारा हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने के दो दिन बाद याचिका दायर की है। अधिवक्ता वरूण चोपड़ा के माध्यम से दायर इस याचिका में कहा गया है कि संविधान की सुप्रीम कोर्ट के ‘किहोता होलोहान प्रकरण’ में 1992 में दी गई व्यवस्था के आलोक में हाई कोर्ट की यह कार्यवाही असंवैधानिक और गैर कानूनी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने 1992 को अपने फैसले में कहा था कि अयोग्यता की कार्यवाही पर निर्णय लेने का अधिकार अध्यक्ष को है और इसमें न्यायिक हस्तक्षेप की इजाजत नहीं है। राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष सी पी जोशी ने 29 जुलाई को हाई कोर्ट के 24 जुलाई के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी।
हाई कोर्ट ने कांग्रेस के इन बागी विधायकों को जारी अयोग्यता नोटिस के मामले में यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया था। अध्यक्ष ने अपनी अपील में राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए कहा था कि यह असंवैधानिक है ओर संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में प्रत्यक्ष अतिक्रमण है।
विधानसभा अध्यक्ष ने अधिवक्ता सुनील फर्नांडीज के माध्यम से दायर अपनी अपील में दावा किया है कि हाई कोर्ट का आदेश 10वीं अनुसूची के तहत, सदन की कार्यवाही में सीधा हस्तक्षेप है जिसकी संविधान का अनुच्छेद 212 अनुमति नहीं देता है। अपील में यह भी कहा गया है कि हाई कोर्ट का आदेश इन बागी विधायकों के मामले में यथा स्थिति बनाए रखने की किसी वजह को उजागर नहीं करता है।
विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस की शिकायत पर इन बागी विधायकों को 14 जुलाई को कारण बताओ नोटिस दिया था। कांग्रेस का कहना था कि इन विधायकों ने पार्टी व्हिप का उल्लंघन किया और विधायक दल की दो बैठकों में हिस्सा नहीं लिया है। सचिन पायलट और अन्य बागी विधायकों ने उन्हें विधानसभा अध्यक्ष से मिले अयोग्यता के नोटिस को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
इससे पहले, अध्यक्ष सी पी जोशी ने हाई कोर्ट के 21 जुलाई के उस आदेश के खिलाफ दायर अपनी याचिका 27 जुलाई को वापस ले ली थी जिसमें उपमुख्यमंत्री पद से बर्खास्त किए जा चुके सचिन पायलट और कांग्रेस के 18 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने की कार्यवाही 24 जुलाई तक स्थगित करने के लिए कहा गया था।