राजस्थान में सियासी संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। जहां एक तरफ अशोक गहलोत ने विधायकों के बगावत को लेकर पार्टी नेतृत्व से माफ़ी मांगी थी। वही, अभी भी विधायकों ने अपना मूड नहीं बदला है। वो अब तक बगावत वाले मूड में है और उन्होंने पार्टी हाईकमान को चुनौती दे डाली है। जिसके बाद एक बार फिर कांग्रेस में दरार पड़ने लगी है।
विधायकों ने पार्टी हाईकमान को दिया अल्टीमेटम
दरअसल, गहलोत अब अध्यक्ष पद पर चुनाव नहीं लड़ने वाले है तो विधायकों का कहना है कि हाईकमान को उन्हें सीएम पद से नहीं हटाना चाहिए, जबकि अभी तक सोनिया गांधी इस बात पर फैसला नहीं ले पाई है। विधायकों को हाईकमान की चुप्पी समझ नहीं आ रही हैं, इसलिए विधायकों ने पार्टी हाईकमान को अल्टीमेटम देते हुए साफ कहा, ‘ जब तक पार्टी नेतृत्व गहलोत के मुख्यमंत्री पद पर रहने का ऐलान नहीं करेगा, तब तक विधायक अपना इस्तीफा वापस नहीं लेंगे। ‘
कांग्रेस विधायकों के आगे झुकने के लिए नहीं है तैयार
हालांकि, अगर कांग्रेस ने विधायकों की बात नहीं मानी तो सरकार अल्पमत में आ जाएगी। जिससे कांग्रेस को काफी नुकसान होगा, क्योंकि अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव है और पार्टी को ऐसे समय में एकजुट रहने की जरुरत है। खबर ये भी है कि कांग्रेस किसी भी हाल में विधायकों के आगे झुकने के लिए तैयार नहीं है। जबकि विधायक अभी भी अपने बातों पर अडिग है।
हम आपको बता दें, पिछले दिनों जब जयपुर में पार्टी की विधायक दल की बैठक होने वाली थी तो कई विधायकों ने इस बैठक को बॉयकट किया था। इसके बाद 82 विधायकों ने अजय माकन और खड़गे को अपना इस्तीफा सौंपा था। साथ ही शर्त भी रखी थी। विधायकों की शर्त थी कि सीएम पद से अगर गहलोत हटते है तो सचिन पायलट को सीएम नहीं बनाया जाएगा। जबकि दूसरी शर्त थी कि सीएम कोई 102 विधायक में से ही बनेगा।