कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार का समर्थन कर रहे विधायकों को शुक्रवार को जयपुर से जैसलमेर ले जाया जाएगा। पार्टी सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यहां के एक होटल में रुके अशोक गहलोत खेमे के कांग्रेस व समर्थक विधायकों को जैसलमेर ले जाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि विधायकों की बैठक होगी, जिसे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत संबोधित करेंगे। इसके बाद उन्हें जैसलमेर ले जाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि ये विधायक 13 जुलाई से जयपुर के बाहर एक होटल में रुके हैं। विधानसभा का आगामी सत्र 14 अगस्त से होना है और तब तक ये विधायक एक साथ ही रुकेंगे।
वहीं अशोक गहलोत ने गुरुवार को दावा किया कि विधानसभा सत्र बुलाने की तारीख तय होने के बाद राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त का ‘दाम’ बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी और सरकार गिराने का षड्यंत्र करने वाली भाजपा को जनता माफ नहीं करेगी। गहलोत ने कहा कि बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर बसपा प्रमुख मायावती डर और मजबूरी में बयान दे रही हैं। उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा सत्र में शक्ति परीक्षण होगा।
बता दें कि राजस्थान उच्च न्यायालय ने कांग्रेस में विलय को लेकर बसपा के छह विधायकों और विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस जारी किया। विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ बसपा ने याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई करते हुए अदालत ने ये नोटिस जारी किए हैं।
विधायकों को नोटिस के जवाब 11 अगस्त तक देने हैं तथा अपना पक्ष भी रखना है। संदीप यादव, वाजिब अली, दीपचंद खेरिया, लाखन मीणा, जोगेंद्र अवाना और राजेंद्र गुढ़ा ने 2018 के विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी। ये सभी सितंबर 2019 में बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए।