राजस्थान में अजमेर के वरिष्ठ कांग्रेस नेता तथा पुष्कर से पूर्व विधायक डा. श्रीगोपाल बाहेती ने केन्द्र की मोदी सरकार को गांव, गरीब, मजदूर एवं किसान विरोधी बताया है। डा. बाहेती ने एक बयान में आज कहा कि मनरेगा में मजदूरी 40 प्रतिशत तक सीमित किये जाने के समाचार निराशाजनक है ।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कोरोना से पीड़ित अर्थव्यवस्था को उबारने की बात करते हुए हजारों-करोड़ों के राहत पैकेज की घोषणा करती है लेकिन मनरेगा श्रमिकों के काम में कटौती भी कर दी है। ये दोहरे मापदंड क्यों। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में 60 प्रतिशत श्रमिकों को रोजगार था। केन्द्र सरकार उस समय कटौती कर रही है जब देश के श्रमिकों को इसकी ज्यादा जरूरत है। मनमोहन सिंह सरकार के समय रोजगार गारंटी बिल लाया गया जिसने गांव की अर्थव्यवस्था को बदल दिया।
बाहेती ने कहा कि राजस्थान में कोरोना काल में प्रवासी श्रमिक को भी रोजगार दिया गया। उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाया कि मनरेगा अधिनियम 2005 की अनुसूची-एक को पलट कर मजदूर विरोधी काम किया जा रहा है, जिसका हम विरोध करते है।उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि गरीब की मजदूरी का हिस्सा कम नहीं करे बल्कि मनरेगा से पशुपालन, कृषि, कुटीर उद्योग को भी जोड़े और मनरेगा का बजट भी बढ़ाए।
राजस्थान : जनजाति क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए CM गहलोत ने दी 100 करोड़ रूपये की मंजूरी
