राजस्थान के कला, साहित्य और संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी कल्ला ने विद्यार्थियों और युवाओं से आग्रह किया है कि वे प्रदेश की सतरंगी विरासत को रिसर्च का आधार बनाकर इसकी विविधताओं और विशेषताओं को आगे बढ़ने में अपना योगदान दें।
डा़ कल्ला आज यहां आर्च कॉलेज ऑफ डिजाईन एंड बिजनेस की कार्यशाला को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज रिसर्च और इनोवेशन का जमाना है, जो लोग रिसर्च को अपनाते है, वे कभी पीछे नहीं रहते बल्कि जीवन में प्रगति के नए आयाम स्थापित करते हैं। उन्होंने इस अवसर पर अलग-अलग कोर्सेज में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए।
उन्होंने राज्य की लोक कलाओं और सांस्कृतिक धरोहर का उल्लेख करते हुए कहा कि यहां के किले और हवेलियां पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। राज्य में लोग अतिथि देवों भव: की परम्परा का निर्वहन करते हुए पर्यटन संस्कृति को बढ़वा देते है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पगड़ पहनने की ही करीब 500 प्रकार की स्टाईले है। अलग-अलग तरह की पगड़ को देखकर व्यक्ति के व्यवसाय, क्षेत्र और पृष्ठभूमि को जाना जा सकता है।
डॉ.कल्ला ने संस्थान के परिसर में फैशन, ज्वैलरी और इंटीरियर डिजाईनिंग के क्षेत्र में विद्यार्थियों के कार्यों और उत्पादों का अवलोकन किया और इनकी सराहना करते हुए उनके करियरमें उत्तरोतर प्रगति के लिए शुभकामनाएं दीं।