नयी दिल्ली : राजस्थान उच्च न्यायालय ने जयपुर में जल महल झील के पास भूमि को पट्टे पर देने के एक मामले में एक कारोबारी, एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी और अन्य के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही रद्द कर दी है। न्यायमूर्ति एस पी शर्मा ने कारोबारी नवरतन कोठारी, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी विनोद जुत्शी, आरएएस अधिकारी ह्रदयेश कुमार और राजस्थान पर्यटन विकास निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक राकेश सैनी को राहत दी।
उच्च न्यायालय ने कहा कि परियोजना में अकेले निश्चित अवधि के लिए तैनात किए गए अधिकारियों पर आपराधिक प्रक्रिया नहीं चलाई जा सकती और याचिकाकर्ताओं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 409 (आपराधिक विश्वासघात) और 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत अपराध नहीं बनता है।
निचली अदालत ने भागवत गौड़ नाम के एक व्यक्ति द्वारा दायर शिकायत पर याचिकाकर्ताओं के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया था, जिसमें निविदा प्रक्रिया में अवैध प्रक्रिया अपनाने का आरोप लगाया गया था, जिसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी।