अजमेर दरगार के अनेक खादिमों सहित मुस्लिम समाज के लोगों ने शुक्रवार को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में प्रदर्शन रैली में हिस्सा लिया और केन्द्र सरकार से इसे वापस लेने की मांग की। इन लोगों ने दरगाह के आध्यात्मिक गुरु और अजमेर दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन अली खान का पुतला दहन किया।
उन्होंने दरगाह दीवान आबेदीन पर मुस्लिम समाज को सीएए मामले में गुमराह करने का आरोप लगाया। अजमेर दरगाह के खादिम सरवर चिश्ती ने कहा, ‘‘केन्द्र सरकार को इस कानून को वापस लेना चाहिए। यह कानून संविधान की उद्देशिका पर हमला है।
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सरकार को यह भी कहना चाहिए कि एनआरसी को लागू नहीं किया जायेगा।’’ दरगाह से शुरू हुई प्रदर्शन रैली भीड़भाड़ वाले दरगाह बाजार से होते हुए कलेक्ट्रेट पर समाप्त हुई। प्रदर्शनकारियो ने ‘साम्प्रदायिक सोहार्द्र जिंदा रहे’ के नारे लगाये गये। चिश्ती ने अजमेर दरगाह दीवान पर मुस्लिम समाज के लोगो को यह कहकर गुमराह करने का आरोप लगाया कि यह कानून मुस्लिमों के खिलाफ नहीं है।
उन्होंने कहा कि इसलिए उनका आज पुतला भी दहन किया गया। उल्लेखनीय है कि दरगाह दीवान ने पिछले सप्ताह कहा था कि सीएए कानून मुस्लिमों के खिलाफ नहीं है और उन्हें इससे डरने की जरूरत नहीं है। इससे उनकी नागरिकता को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने केन्द्र सरकार से इस कानून संबंधी शंकाओं और भय को दूर करने के बाद ही इसे लागू करने का आग्रह किया था। हालांकि सोमवार को दरगाह दीवान ने केन्द्र सरकार से सीएए कानून को लागू करने पर रोक लगाने की मांग की थी और इस बारे में एक पत्र प्रधानमंत्री के नाम लिखा था।