तखतगढ़ : मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सोमवार को पाली, जालोर, सिरोही के बाढग़्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया। राजे ने पत्रकारों से कहा कि सरकार प्रभावित लोगों तक हर संभव सहायता पहुंचा रही है और उनके साथ खड़ी हैं। बाढ़ पीड़ित 2.95 लाख किसानों के 1310 करोड़ के लघु ऋण को मध्यम श्रेणी में बदला जाएगा। राजे ने कहा कि राहत कार्य में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी,ऐसे अधिकारियों को नहीं बख्शा जाएगा। अब तक 11 हजार से अधिक लोगों को बाढ़ ग्रस्त से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया हैं।
12 हजार से अधिक बीमार पशुधन का इलाज किया गया। विभाग की ओर से पाली जिले में 7000, जालोर में 2200, सिरोही में 17000 भोजन के पैकेट तैयार और 4000 सूखे भोजन के पैकेट की लोगों के लिए व्यवस्था की है। हवाई सर्वेक्षण कर जाना हाल: मुख्यमंत्री सोमवार को हैलिकॉप्टर से जालोर पहुंची,जहां से सीधी आहोर, जालोर के बीच लेटा-सांकरणा स्थित जवाई नदी के प्रवाह से टूटी पुलिया और क्षतिग्रस्त सड़क का निरीक्षण किया।
जिला मुख्यालय पर कलेक्टर, एसपी सहित सभी विभागों के अधिकारियों से फीडबैक लेकर नुकसान की स्थिति को जाना। राजे ने सांचोर के चितलवाना, हेमागुडा, सेसावा, होथीगांव, गांधव क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया। जालोर-सिरोही सांसद देवजी एम पटेल के अतिरिक्तफंड देने की मांग पर मुख्यमंत्री ने नुकसान का आंकलन करवाकर उचित मुआवजा देने का आश्वासन दिया। 21 करोड़ गौशालाओं के लिए स्वीकृत: मुख्यमंत्री ने बताया कि गौपालन विभाग की ओर से जालोर, सिरोही एवं पाली जिले की 196 गौशालाओं को गौ-संरक्षण और संवर्धन निधि से 21 करोड़ रुपए की सहायता दी जा चुकी है।
सेना के इंजीनियर कर रहे टूटी पुलिया को दुरुस्त : पाली के जवाई बांध से छोड़े गए पानी से आहोर-जालोर मार्ग पर दो जगह क्षतिग्रस्त हुई पुलिया को सेना के इंजीनियरों एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों की देखरेख में दुरुस्त किया जा रहा है। जालोर कलेक्टर लक्ष्मीनारायण सोनी ने बताया कि लेटा और साकरणा में पुलिया टूटने और सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त होने से रास्ता अवरुद्ध हो गया, जिसे दुरुस्त किया जा रहा है।
जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे 615 लोगों को सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जिला तथा पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षित निकाला जा चुका है। सियाणा में 9, सायला में 30 तथा सांचोर से 60 लोगों को हैलिकॉप्टर से रेक्स्यू किया। एनडीआरएफ की टीम ने 155 लोगों को बचाया हैं। तहसील मुख्यालयों पर 9 अस्थाई राहत शिविर खोले गए हैं। जहां ग्रामीण एवं भामाशाहों के सहयोग से लोगों सहायता पहुंचाई जा रही है।
– खीमाराम मेवाड़ा