राजस्थान से एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है जिसे जानकर आप भी रह जायेगे दंग ! जी हाँ , वैसे तो अपने ये तो सुना ही होगा कि ” संडे हो या मंडे रोज खाओ अंडे ”। और आप अंडे को तोड़कर उसे खाते भी होंगे। दरअसल अंडे से ही जुडी एक हैरान कर देने वाली खबर राजस्थान से आ रही है। जहां राजस्थान के बूंदी जिले के हरिपुरा ग्राम की खाप पंचायत का तुगलकी फरमान सामने आया है।
6 साल की एक बच्ची ने 2 जुलाई को अपने स्कूल में टिटहरी पक्षी के अंडों को गलती से तोड़ दिया था। जिसके बाद गांव के बुजुर्गों की बैठक हुई और बच्ची को इस गलती के लिए जाति बहिष्कार जैसी सजा का फरमान सुना दिया गया।
बच्ची को सुनाई गई सजा के बाद बच्ची के पिता ने काफी विरोध किया और इस वजह से बच्ची की सजा को पंचो ने बढ़ा कर 11 दिन की कर दी।
खबरों के मुताबिक, छात्रा हरिपुरा के राजकीय प्राथमिक विधालय में पढ़ने गई थी। यहां उससे टिटहरी के अंडे दिखे तो उसने हाथ लगाया।
इसी दौरान एक अंडा टूट गया अंडा टुटा तो बच्चो में बात फैली और बात इतनी फैली की खाप पंचायत के पंच पटेलों तक चली गई। इसे पंचायत ने गांव के भविष्य के लिए अशुभ बताया और बच्ची के परिवार वालों को तलब किया।
वही , स्थानीय विश्वासों के मुताबिक, ऐसा माना जाता है कि पक्षी बारिश का संदेशवाहक है और इसे या इसके अंडों को नुकसान पहुंचने पर सजा दी जाती है।
बच्ची की तरफ से गलती से अंडों को नुकसान पहुंचने की वजह से गांव के बुजुर्गों की बैठक हुई जिन्होंने ‘पाप’ की सजा के तौर पर बच्ची को जाति से बाहर कर दिया और उसके तीन दिन तक घर में प्रवेश करने पर रोक लगा दी।