राजस्थान में तंबाकू सेवन व धूम्रपान से होने वाली बीमारियों के बढ़ते प्रकोप पर विशेषज्ञों ने चिंता जताई है। एक रपट के अनुसार राज्य में इन बीमारियों से हर साल 77, 000 लोग असमय काल के मुंह में जा रहे हैं।
आल इंडिया इंस्टीटयूट आफ मेडिकल साइंस (एम्स) जोधपुर के कैंसर सर्जन व वायॅस आफ टोबैको विक्टिम्स (वीओटीवी) के पैटर्न डा. अमित गोयल ने यहां ‘भाषा’ को बताया कि राजस्थान में इस समय 13.2 प्रतिशत लोग धूम्रपान के रूप में तंबाकू का सेवन करते है, जिसमें 22.0 प्रतिशत पुरुष, 3.7 प्रतिशत महिलांए शामिल है।
ग्लोबल एडल्ट टबैको सर्वे (जीएटीएस: 2017-18) के अनुसार राज्य में 14.1 प्रतिशत लोग चबाने वाले तंबाकू उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं जिनमें 22.0 प्रतिशत पुरुष व 5.8 प्रतिशत महिलाए हैं। इस रपट के अनुसार राजस्थान में तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों के सेवन से होने वाली बीमारियेां से हर साल 77 हजार लोगों की मौत होती है।
डा.गोयल के अनुसार, राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के तहत इम्पेक्ट इंडिया फाउंडेशन की ओर से जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक भारत-पाक सीमा से सटे प्रदेश के तीन सीमावर्ती जिलों बीकानेर, बाड़मेर व गंगानगर में कैंसर जैसी बीमारियों के रोगियों की संख्या सबसे अधिक है। इसके अलावा हनुमानगढ़, चूरू, झुंझनुं, फलौदी, जैसलमेर, धौलपुर, भरतपुर, पोकरण, बालोतरा, शाहजहांपुर, टोंक, सवाईमाधोपुर, बहरोड़ व पाली जिले में भी ओरल कैंसर रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ी है।
उनका कहना है कि राजस्थान में दिन प्रतिदिन बढ़ रही तंबाकू उत्पादों की लत से कैंसर के रोगियों की संख्या बढी है। इसमें चबाने वाले तंबाकू उत्पादों का उपयोग प्रमुख है जिस कारण 90 प्रतिशत मुंह का कैंसर होता है। पीबीएम अस्पताल के आचार्य तुलसी रीजनल कैंसर अस्पताल के डा.राजेंद्र बोथरा कहते हैं कि बीकानेर संभाग में कैंसर रोगियों की बढ़ती संख्या चिंताजनक है। यहां के अस्पताल में पंजाब और हरियाणा सहित देश के अन्य राज्यों से कैंसर रोगी आते हैं जिनकी औसतन आयु 18 से 50 वर्ष है।
संबंध हेल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) के ट्रस्टी संजय सेठ ने इस संबंध में कानूनों का कड़ाई से पालन नहीं होने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा, ‘भले ही राज्यों ने तंबाकू के साथ गुटखा और पान मसाले पर प्रतिबंध लगा दिया है लेकिन ये उत्पाद हर जगह बड़े पैमाने पर बिकते हैं।’
उन्होंने कहा,’ बच्चों को ये उत्पाद आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं क्योंकि पान मसाला और अन्य तंबाकू उत्पाद बेचने वाली दुकानें उनके स्कूलों व कॉलेजों के बाहर ही हैं।’ एक अन्य रपट के हवाले से उन्होंने कहा कि राजस्थान में 296 बच्चे प्रतिदिन तंबाकू उत्पादों का सेवन शुरू करते है जो बड़ी चिंता की बात है।