नगर निगम कोचिंग संस्थानों और प्राइवेट स्कूल-कॉलेजों पर नया टैक्स थोपने के मामले में अब बैकफुट पर आ गया है आपको बता दे कि कोटा के प्राइवेट एज्यूकेशन इंस्टीट्यूट से सफाई के नाम पर 1000 रुपए प्रति छात्र टैक्स वसूलने का फरमान जारी किया गया था। जिसके बाद छात्रों का प्रदर्शन नगर निगम के खिलाफ शुरू हो गया।
जानकारी के मुताबिक प्राइवेट एजुकेशन इंस्टीट्यूट से सफाई के नाम पर एक हजार रुपये प्रति छात्र के हिसाब से नगर निगम टैक्स वसूलने की तैयारी में था। इस नए टैक्स के जरिए नगर निगम को साल में तकरीबन 30 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई होती।
राजस्व समिति की सोमवार को हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि जिन कोचिंग संस्थानों और शिक्षण संस्थानों में 250 से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं उनका निगम में पंजीयन कराना जरूरी होगा। जानकारी होने पर छात्रों ने इस नियम का विरोध किया जिसके बाद राजस्थान सरकार ने इस फैसले को वापस ले लिया।
कोटा एक एजुकेशन हब है जहां बाहर से छात्र पढ़ाई करने आते हैं. इसके साथ ही टैक्स को लेकर छात्रों ने प्रदर्शन भी शुरू कर दिया। कोटा नगर निगम के अधिकारियों ने निजी शिक्षण संस्थानों पर सफाई के नाम पर नया टैक्स लगाने की वजह बताते हुए कहा था कि आवासीय क्षेत्र में कोचिंग, स्कूल और कॉलेज संचालित हो रहे हैं। इन क्षेत्रों में नगर निगम को अपने संसाधन लगाकर साफ-सफाई करानी पड़ती है। इसलिए यह शुल्क लिया जाएगा। निगम अभी शिक्षण संस्थाओं से नगरीय कर वसूल करता है. अब छात्रों के हिसाब से भी राशि वसूल करेगा।
कोचिंग सेंटर के मुताबिक छात्रों का कहना है कि जीएसटी की वजह से पहले से ही कोचिंग की फीस में 20 हजार तक की बढ़ोत्तरी हो गई है। वहीं कांग्रेस ने कोटा नगर निगम के इस फैसले का विरोध किया है।