देश में कोरोना वायरस संक्रमण के हालात अब सुधर रहे है, ऐसे में लोगों की बेपरवाही कोरोना की तीसरी लहर को जल्द ला सकती है। ऐसे में देश के प्रधानमंत्री से लेकर तमाम राज्यों के मुख्यमंत्री भी अपने प्रदेश के लोगों से आग्रह कर रहे है कि कोरोना नियमों का कड़ाई से पालन करें और साथ ही वैक्सीन लगवाकर खुद को संक्रमण से बचाए।
इसी कड़ी में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि वैश्विक महामारी कोरोना अभी गया नहीं हैं और जीवन बचाने के लिए मास्क एवं वैक्सीन लगाना जरुरी है। गहलोत ने आज वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बांसवाड़ जिले के कुशलगढ़ क्षेत्र के पोटलिया गांव में विधायक रमीला खड़यि के पति हुरतिंग खड़यि की मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि दुनियां में कोरोना की तीसरी लहर फैली हुई हैं और स्थिति खतरनाक बनी हुई हैं तथा यह प्रदेश में कब आ जाये कोई पता नहीं। उन्होंने कहा कि कोरोना गया नहीं हैं। बीकानेर में डेल्टा प्लस का मामला सामने आया, पता नहीं कब प्रदेश में फैल जाये। उन्होंने पूरा ध्यान रखने की जरुरत बताते हुए कहा कि मास्क लगाना, हाथ धोना और वैक्सीन लगाना जरुरी है। जितनी लापरवाही होगी उतना ही कष्ट होगा, चाहे गांव, जिले एवं प्रदेश हो।
उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों को आगाह करते हुए कहा कि दुनियां में कुछ देशों में तीसरी लहर आई हैं और यहां वह नहीं फैले इसके लिए व्यवस्थाएं की गई हैं और सावधानी बरतने की जरुरत हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि प्रदेश में कोरोना के मामले कम होने पर काफी छूट दी गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह की सूचनाएं आ रही थी कि पिछले दिनों आदिवासी क्षेत्रों में टीकाकरण को लेकर उत्साह नहीं हैं।
उन्होंने आदिवासियों से कोरोना का टीका लगवाने की अपील करते हुए कहा कि जिंदगी बचाने के लिए वैक्सीन लगाना जरूरी है। आदिवासियों में यह भावना नहीं होनी चाहिए कि वैक्सीन नहीं लगाएंगे। आदिवासी इलाकों से इस भावना को दूर करना होगा। जनप्रतिनिधियों को भी इस बारे में प्रचार करना चाहिए। उन्होंने कहा ‘‘मुझे भी वैक्सीन लगाने के बाद कोरोना हुआ लेकिन वैक्सीन लगाने के बाद कोरोना होता भी है तो उसका असर कम रहता और मौत का खतरा नहीं होता, हमे अभी जीवन एवं आजीविका बचानी है सरकार रोजगार के रक्षक के रुप में काम करेगी।’’
उन्होंने कहा कि राजस्थान में 10 प्रतिशत लोग है, जो वैक्सीन नहीं लगवाना चाहते हैं जबकि अन्य राज्यों में 15-20 प्रतिशत लोग हैं जो वैक्सीन नहीं लगवाना चाहते। उन्होंने कहा कि प्रदेश के आदिवासी क्षेत्र में भी इस कमी को दूर किया जायेगा। उन्होंने कहा सबको मिलकर जीवन बचाना है, हम सब एक है, मदद करनी है और सरकार भी इस पर पूरा काम करेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर में भी शानदार काम किया और संभावित तीसरी लहर से मुकाबले के लिए भी तैयारियां की गई हैं और तमाम आधारभूत ढांचा तैयार किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी क्षेत्र सहित प्रदेश में विकास के काम रुके नहीं हैं, चाहे पानी, बिजली, सड़क, शिक्षा एवं स्वास्थ्य आदि बड़ बड़ काम हाथ में लिए गए है।
घर घर नल योजना के तहत केन्द, एवं राज्य सरकार मिलकर काम कर रही है और आगामी वर्ष 2024 से पहले प्रदेश के 80 लाख से ज्यादा घरों तक पानी पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। गहलोत ने कहा कि बासंवाड़ जिले में प्रसिद्ध बेणेश्वर धाम का अलग से विकास बोर्ड बनाया है और 132 करोड़ 35 लाख रुपए के काम की स्वीकृति जारी हो चुकी और शीघ, काम शुरु हो जायेगा।
उन्होंने कहा कि कुशलगढ़ आगे बढ़, उसके काम हाथ में लिए हुए हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासी छात्रों को नौकरियों प्राथमिकता मिले, इसके प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि आदवासियों का किस तरह चहुंमुखी विकास हो। उन्होंने कहा कि कुशलगढ़ में सीएचसी का पुराना भवन हैं वहां नया भवन बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि श्री हुरतिंग खड़यि की मूर्ति लगने से नई पीढ़ को इससे प्रेरणा मिलेगी।