विश्व में कोरोना वायरस महामारी के आने के बाद बुनियादी स्वास्थ्य व्यवस्था का क्या हाल है, इसका पूरा हाल सामने आ गया। ऐसे में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए, इसके लिए कई कार्ययोजनाओं पर काम जारी है। तो वहीं, दूसरी ओर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशेाक गहलोत ने मंगलवार को केंद्र सरकार से मांग की कि वह ‘राइट टू हेल्थ’ को संविधान के मूल अधिकारों में शामिल करे।
हमारा प्रयास है कि राजस्थान का कोई भी नागरिक इलाज के अभाव में कष्ट ना पाए। भारत सरकार को अब ‘राइट टू हेल्थ’ को संविधान के मूल अधिकारों में शामिल करना चाहिए एवं सभी नागरिकों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करना चाहिए।https://t.co/Iow4JzTMiX
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) August 24, 2021
गहलोत ने कहा कि राजस्थान सरकार ने ‘राइट टू हेल्थ’ की परिकल्पना को साकार करने के लिए पहले चिकित्सा क्षेत्र में बड़े बदलाव किए हैं। मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘भारत सरकार को अब ‘राइट टू हेल्थ’ को संविधान के मूल अधिकारों में शामिल करना चाहिए एवं सभी नागरिकों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करना चाहिए।’
गहलोत के अनुसार राजस्थान सरकार ने ‘राइट टू हेल्थ’ की परिकल्पना को साकार करने के लिए पहले चिकित्सा क्षेत्र में बड़े बदलाव किए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना, मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना एवं मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना से पूरे राज्य में ओपीडी व आईपीडी का सम्पूर्ण इलाज मुफ्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि राजस्थान का कोई भी नागरिक इलाज के अभाव में कष्ट ना पाए।