राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने दो वरिष्ठ मंत्रियों के साथ सोमवार को कोटा, झालावाड़ व धौलपुर जिले के बाढ़ प्राभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया और कहा कि बचाव एवं राहत कार्यों में कोई कमी नहीं की जाएगी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी इलाके का दौरा किया और प्रभावितों से मुलाकात की।
मुख्यमंत्री गहलोत, आपदा प्रबंधन व राहत मंत्री भंवर लाल मेघवाल तथा विधायी कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने हेलीकॉप्टर से तीनों जिलों के बाढ़ प्रभावित इलाकों का सर्वे किया। बचाव एवं राहत कार्य में सेना की मदद ली जा रही है। इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी मदद कर रही हैं।
शनिवार से अभी तक लगभग पांच हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। कोटा में गहलोत ने कहा कि सरकार हालात पर नजर रखे हुए है और बचाव एवं राहत कार्यों में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान के इन इलाकों में बाढ़ की स्थिति का एक कारण मध्य प्रदेश से आने वाल पानी भी है।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश से लगातार छोड़े जा रहे पानी को लेकर उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से बातचीत की है। दोनों राज्यों के मुख्य सचिव इसे लेकर लगातार संपर्क में हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल बरसात के मौसम में अभी तक विभिन्न जिलों में बिजली गिरने, दीवार गिरने, पानी में बह जाने से करीब 54 लोगों की मौत हुई है। लगभग सभी लोगों को सहायता राशि मिल गयी है।
राहत पैकेज की घोषणा के सवाल पर गहलोत ने कहा, “नियम बने हुए हैं भारत सरकार के भी और राज्य सरकार के भी। पहले भी कभी कमी आने नहीं दी और अब भी नहीं आने देंगे।” इस बीच लोकसभा अध्यक्ष बिरला भी सोमवार को कोटा पहुंचे व प्रभावित इलाकों का जायजा लिया। बिरला मूल रूप से कोटा के ही हैं। उन्होंने भी लोगों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।