देश में कोरोना वायरस की तीसरी लहर आने की पूरी आशंका है, ऐसे में सभी राज्य सरकारों ने अभी से तैयारियां करनी शुरू कर दी है। साथ ही सरकारें कोरोना की तीसरी लहर में छोटे बच्चों के स्वास्थ्य को भी ध्यान में रख कर राज्य की बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरूस्त कर रही है।
इस कड़ी में राजस्थान के चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने कहा कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर में बच्चों के सर्वाधित प्रभावित होने की आशंका को देखते हुए राज्य में बच्चों के अस्पतालों में चिकित्सकीय सुविधाओं को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। डॉ शर्मा ने सोमवार को जयपुर के जेकेलोन अस्पताल के निरीक्षण के बाद समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि जयपुर स्थित सर पदमपत मदर एंड चाइल्ड केयर इंस्ट्टीयूट (जेकेलोन अस्पताल) के साथ शहर के अन्य अस्पतालों में भी बच्चों के इलाज के लिए सभी आवश्यक संसाधन जुटाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 800 बैड वाले बच्चों के इस प्रमुख चिकित्सालय जेकेलोन अस्पताल में जल्द ही करीब 200 आईसीयू बैड उपलब्ध होंगे।
उन्होंने कहा कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर में बच्चों पर अधिक असर होने की आशंका को ध्यान में रखते हुए इस अस्पताल में 600 बैड कोरोना के मरीजों के लिए आरक्षित रखे जा सकते हैं। इन सभी 600 बैड को जरुरत के समय आईसीयू बैड में बदला जा सकेगा। अस्पताल के सभी बैड केन्द्रीयकृत ऑक्सीजन सिस्टम से जुड़े हुए हैं।
उन्होंने कहा कि अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की जा रही है और इसके बाद जल्द ही जेकेलोन में करीब 1500 लीटर ऑक्सीजन की क्षमता उपलब्ध होगी। चिकित्सा मंत्री ने कहा कि कोरोना की इलाज की तैयारियों का असर 200 बैडेड नीकू की यूनिट पर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि नीकू यूनिट में सामान्य दिनों की तरह बच्चों का इलाज जारी रहेगा। इसके अतिरिक्त यदि यहां अन्य बच्चों के इलाज के लिए बैड्स की कमी होती है तो सेठी कॉलोनी व गणगौर अस्पताल में उनके इलाज की व्यवस्था की जा सकेगी।
डॉ शर्मा ने अस्पताल परिसर का सघन दौरा किया व निर्माणाधीन सीटी स्कैन यूनिट स्थापित किए जाने वाले स्थान सहित अन्य निर्माण व विकास कार्यों का अवलोकन किया। उन्होंने समस्त कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण गुणवत्ता के साथ पूरा करने पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
उन्होंने अस्पताल की सफाई व्यवस्था पर संतोष व्यक्त किया एवं सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाएं रखने की आवश्यकता प्रतिपादित की। निरीक्षण के दौरान एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रिसिपल डॉ सुधीर भंडारी, अस्पताल अधीक्षक डॉ अरविंद शुक्ला, मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ नरोत्तम शर्मा भी मौजूद थे।