राजस्थान की सियासत में पिछले कुछ दिनों से भूचाल मचा हुआ है। यहां कब क्या हो जाए इसका अंदाजा लगाना काफी मुश्किल हो गया है। अशोक गहलोत गुट के विधायकों ने बगावत कर दी है। उन्होंने साफ कहा कि वो सचिन पायलट को अपना नेता नहीं मानने वाले है।
वही, विधायकों की बगावत से कांग्रेस को भारी नुकसान होने वाला है यह बात तय हो चुकी है। बीते दिन कांग्रेस ने विधायक दल की बैठक बुलाई थी, लेकिन उसमें गहलोत गुट के विधायकों ने हिस्सा नहीं लिया था, बल्कि मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर हुई बैठक में हिस्सा लिया था। जिसका अब वीडियो भी वायरल हुआ है।
दरअसल, सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें साफ देखा जा सकता है कि मंत्री धारीवाल गहलोत को हटाए जाने के आलाकमान के निर्णय को गलत बता रहे है। मंत्री वीडियो में कह रहे कि पंजाब खो चुके हैं और अब राजस्थान भी चला जाएगा। षड़यंत्र की वजह से हमने पंजाब खोया था। अब राजस्थान भी खो सकते है।
विधायकों ने रखी तीन शर्त
हम आपको बता दें, कांग्रेस के सामने विधायकों ने तीन शर्त रखी है, जिसके अनुसार सीएम अशोक गहलोत अध्यक्ष पद पर चुनाव होने के बाद ही अपना इस्तीफा पेश करें यानी कि नए सीएम का ऐलान 18 अक्टूबर के बाद होना चाहिए। इसी के साथ विधायकों की दूसरी शर्त है कि नया मुख्यमंत्री 102 विधायकों में से ही बनना चाहिए, जिन्होंने 2020 में सचिन पायलट की बगावत के दौरान सरकार गिरने से रोका था।
हम आपको बता दे विधायकों ने कांग्रेस आलाकमान के सामने यह भी शर्त रखी है कि सीएम अशोक गहलोत ही उनके विधायक दल के नेता हैं और उन्हें एक साथ 2 पदों पर काम करने की अनुमति दी जाए यानी गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बने और सीएम पद भी संभाल ले। वही, कांग्रेस ने भी विधायकों की बात मानने से मना कर दिया है।