राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2020 के राजनीतिक संकट के संदर्भ में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को लेकर की गई टिप्पणी के लिए शनिवार को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर निशाना साधा। गहलोत ने कहा कि शेखावत ने अपने इस बयान से साबित कर दिया है कि वह 2020 में उनकी सरकार गिराने (के प्रयास) में मुख्य किरदार थे और पायलट के साथ मिले हुए थे।
शेखावत ने हाल ही में चौमूं में एक सभा में कहा था कि 2020 में पायलट से चूक हो गई। उन्होंने कहा,‘‘ अगर वह मध्य प्रदेश (के विधायकों) जैसा फैसला करते, तो राजस्थान के 13 जिलों के लोग प्यासे नहीं होते। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) पर काम चालू हो चुका होता।’’
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार 13 जिलों में पेयजल के लिए महत्वपूर्ण ईआरसीपी को केंद्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग कर रही है।
शेखावत सरकार गिराने में मुख्य किरदार थे -गहलोत
गहलोत ने शेखावत के इस बयान की ओर इशारा करते हुए सीकर लक्ष्मणगढ़ सीकर में संवाददाताओं से कहा,‘‘आप (शेखावत) सरकार गिराने (के प्रयास) में मुख्य किरदार थे और सबको मालूम है कि आप बेनकाब हो गए हैं। दुनिया जानती है कि आडियो टेप में आवाज आपकी है, आपने खुद ने सरकार गिराने का षड्यंत्र किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब आप सचिन पायलट जी का नाम लेकर जो कह रहे हैं कि उन्होंने चूक कर दी, तो आपने स्वयं ही साबित कर दिया दिया कि आप उनके साथ मिले हुए थे।’’
पायलट एवं सत्ताधारी दल के 18 अन्य विधायकों ने गहलोत के नेतृत्व को लेकर बागी तेवर अपना लिए थे
उल्लेखनीय है कि जुलाई 2020 में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री पायलट एवं सत्ताधारी दल के 18 अन्य विधायकों ने गहलोत के नेतृत्व को लेकर बागी तेवर अपना लिए थे जिससे राजनीतिक संकट पैदा हो गया। हालांकि कांग्रेस आलाकमान के हस्तक्षेप से मामला सुलझ गया था। इस दौरान एक ऑडियो टेप सामने आई थी जिसमें कांग्रेस नेताओं का कहना है कि उसमें कथित तौर पर शेखावत की आवाज है और इसमें सरकार को अस्थिर करने की बात की जा रही है।
गहलोत ने शनिवार को कोठ्यारी, लक्ष्मणगढ़ (सीकर) में पूर्व विधायक सांवरमल मोर की मूर्ति का अनावरण तथा श्री श्रद्धा शिक्षा भवन (बालिका महाविद्यालय) लोकार्पण समारोह को संबोधित किया। इस सभा में भी शेखावत के एक बयान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा,' वह (शेखावत) धमकी दे रहे हैं कि अगर राजस्थान में सरकार बदलने में कामयाब हो जाता और सचिन पायलट चूकता नहीं तो राज्य में पानी आ जाता । कोई केंद्रीय मंत्री ऐसी भाषा बोल सकता है? इससे अधिक शर्म की बात क्या हो सकती है कि सरकार बदलो तो पानी मैं भेज दूंगा?’’
उल्लेखनीय है कि गहलोत लगातार ईआरसीपी को केंद्रीय परियोजना को दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं। परियोजना 37000 करोड़ रुपये से अधिक की है इससे राज्य के 13 जिलों में पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
अदालत द्वारा शेखावत को नोटिस जारी किया गया
राजस्थान के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की पुनरीक्षण याचिका पर एक स्थानीय अदालत द्वारा शेखावत को नोटिस जारी किया गया है। इस बारे में गहलोत ने कहा,'कानून अपना काम करे, यह तो देरी से तामील हुआ है। वह (शेखावत) बचते रहे, आखिर में अदालत से नोटिस तामिल हो गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें आवाज का नमूना देने देने में तकलीफ क्या है? दिल्ली की अदालत में वह तो स्वीकार भी कर चुके हैं कि यह उनकी आवाज है। दिल्ली पुलिस भी शपथ पत्र में यह स्वीकार कर चुकी है।’’
तनाव की राजनीति देश एवं प्रदेश के हित में नहीं - गहलोत
गहलोत ने कहा कि देश में तनाव एवं हिंसा का माहौल है और तनाव की राजनीति देश एवं प्रदेश के हित में नहीं है।
उन्होंने कहा,‘‘हम बार-बार कहते हैं कि देश-प्रदेश में तनाव की राजनीति उचित नहीं है क्योंकि जिस परिवार में भी तनाव होता है कि वह आगे नहीं बढ़ता बल्कि बर्बाद हो जाता है। यही बात गांव, देश एवं प्रदेश पर भी लागू होती है।’’
गहलोत ने कहा,‘‘ आज देश में तनाव , अविश्वास एवं हिंसा का माहौल है...कुछ लोग खुश हो सकते हैं कि बुलडोजर चल रहे हैं। वह बुलडोजर कभी आपके यहां भी आ सकता है।’’
उन्होंने कहा कि बिना कानून के आप किसी को अपराधी नहीं ठहरा सकते, जब तक दोष सिद्ध न हो तब तक आप दोषी को भी दोषी नहीं कह सकते है यह तो पुरानी कहावत है।'