केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में बीजेपी नीत एनडीए से नाता तोड़ चुके राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के संयोजक एवं नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा है कि किसानों के लिए उनकी बात नहीं सुनने पर किसान के सम्मान में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से नाता तोड़कर वह सड़क पर आए हैं और अब आगे की रणनीति पर विचार कर रहे हैं।
बेनीवाल ने केंद्र के तीनों कृषि कानूनों को किसानों के खिलाफ बताते हुए शनिवार को अलवर के शाहजहांपुर में किसान रैली में आरएलपी एनडीए गठबंधन से अलग होने की घोषणा की। उन्होंने कहा, ‘मैं एनडीए के साथ ‘फेविकोल’ से नहीं चिपका हुआ हूं। आज मैं खुद को राजग से अलग करता हूं।’’
शनिवार की रात किसानों के साथ शाहजहांपुर बॉर्डर पर टेंट में बिताने के बाद उन्होंने कहा कि आज किसानों के साथ अगली रणनीति पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान के सम्मान की बात पहले होनी चाहिए और उन्होंने किसान के सम्मान के लिए एनडीए का साथ छोड़ दिया हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान का किसान भी देश के किसान आन्दोलन में साथ खड़े है और किसान का मान और सम्मान ही हमारी सबसे बड़े पूंजी है।
बेनीवाल ने कहा कि एनडीए में आरएलपी घटक दल होने के नाते उन्होंने किसानों के हित में नए कृषि कानूनों को वापस लेने एवं कृषक कल्याण की बात की लेकिन उनकी बात नहीं मानने के कारण उन्होंने एनडीए से अलग होने का फैसला किया और वह किसानों के साथ सड़क पर आए।
उन्होंने कहा कि अब आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा और उन्हें उम्मीद हैं कि आगे भी ठीक ही होगा। उन्होंने कहा कि अगर किसानों की जीत नहीं होती हैं तो सबसे मिलकर बात की जायेगी और आगे की योजना बनाई जाएगी। दिल्ली कूच पर बेनीवाल ने कहा कि अवरोधक तोड़कर वे आगे बढ़ जाते, लेकिन वह हिंसा नहीं चाहते और शांतिपूर्ण आंदोलन चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर पड़व डाले बैठे सभी किसान भी यह ही चाहते हैं। इससे पहले शनिवार रात को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी बेनीवाल से मिलने पड़व स्थल पहुंचे। इस दौरान उन्होंने बेनीवाल एवं किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के साथ मिलकर किसान आंदोलन को मजबूती के साथ आगे बढ़ने की रणनीति पर चर्चा की एवं पूर्ण समर्थन का आश्वासन भी दिया इस अवसर पर डूडी ने कहा कि जहां किसान हैं वहां कांग्रेस हैं।