राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को कहा कि 2020 को ‘जीवन बचाने के वर्ष के रूप’ में लें। गहलोत ने स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा, वर्ष 2020 को जीवन बचाने के वर्ष के रूप में लें, जीवन बचेगा तो सब बातें ठीक होंगी, सब मांगें भी होंगी, सब सुविधाएं भी मिलेंगी, नवाचार भी होगा और सब कुछ होगा, पर जीवन में बड़ा संकट है हमारे राजस्थान में रिकवरी रेट (ठीक होने की दर) बहुत शानदार है। मृत्यु दर एक प्रतिशत के आसपास है।
उन्होंने कहा कि इलाज के लिए आधारभूत ढांचे को लेकर कोई कमी नहीं छोड़ी जा रही है। अंग्रेजी भाषा आजकल अंतरराष्ट्रीय भाषा बन गई है। अंग्रेजी भाषा को सीखने पर छात्र में एक विश्वास बना रहेगा। अगले बजट में जितनी मांग अंग्रेजी भाषा के स्कूलों की है, उसमें जितने अंग्रेजी के अध्यापकों की आवश्यकता है, उसकी व्यवस्था अभी से सोच लें और मांग के अनुसार अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोले जाए।
उन्होंने राज्य में महात्मा गांधी के नाम से शुरू किए गए अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों का जिक्र करते हुए कहा कि महात्मा गांधी के नाम से आज हर जगह अंग्रेजी विद्यालयों की मांग हो रही है। अंग्रेजी भाषा एक ऐसी भाषा है जिसके बगैर काम चलता नहीं है। हिन्दुस्तान में हिन्दी को प्राथमिकता मिलनी ही चाहिए लेकिन साथ में अगर एक भाषा और सीख सकते हैं तो अंग्रेजी भाषा भी सीखना आवश्यक है।