राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक गुलाबचंद कटारिया ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस में अगर अंतर्कलह जारी रही तो राजस्थान विधानसभा में भी कर्नाटक और गोवा वाली कहानियों की पुनरावृत्ति होगी। उन्होंने कहा, “कांग्रेस की अंतर्कलह में हमारी कोई भूमिका नहीं है। वे अपने स्वार्थ के लिए लड़ रहे हैं और अगर यह जारी रहा तो निश्चित तौर पर यहां भी कर्नाटक और गोवा जैसी स्थितियां बनेंगी।”
कटारिया मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बुधवार को बजट पेश करने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में दिए बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे। गहलोत ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह स्पष्ट कर दिया था कि वे मुख्यमंत्री का पद नहीं छोड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें मुख्यमंत्री नियुक्त किया है क्योंकि राज्य की जनता सिर्फ उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती है।
कटारिया ने कहा, बजट के संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने यह सब बहुत बेमन से बोला होगा। ये उनसे कभी किसी ने पूछा नहीं होगा, लेकिन उन्होंने खुद से ये बोला। उनका यह डर दिखाता है कि कांग्रेस नेतृत्व उन्हें राज्य से हटाकर दिल्ली बुला सकती है। इसलिए उन्होंने खुद ही अपनी ब्रांडिंग शुरू कर दी।” कटारिया ने कहा कि एक संवाददाता सम्मेलन में गहलोत का दावा करना ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों से पहले मुख्यमंत्री पद के किसी दावेदार का नाम घोषित नहीं किया था। तो वे यह कैसे कह सकते हैं कि जनता उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती थी और इसलिए कांग्रेस को वोट दिया?” उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान कांग्रेस में दो धड़े हैं। एक धड़े के अगुआ गहलोत और दूसरे धड़े के अगुआ उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट हैं। दोनों धड़े पिछले कई महीनों से आपस में लड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा, “क्या इस समय गहलोत की यह नैतिक जिम्मेदारी नहीं है कि वे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दें जब वे अपने गृह क्षेत्र से अपने बेटे को हारने से नहीं बचा पाए?” भाजपा के एक अन्य विधायक कालीचरण सर्राफ ने उनका समर्थन करते हुए कहा, “अगर ऐसी स्थिति (गुटबाजी) जारी रही तो कांग्रेस सरकार बहुत जल्द गिर जाएगी।” कांग्रेस विधायक शकुंतला रावत ने हालांकि भाजपा विधायकों के दावों को बकवास बताते हुए कहा, “सरकार में कोई कलह नहीं है और चिंता की कोई बात नहीं है।”