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अपनी ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठाएगा भारत : पुरी

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को यहां कहा कि भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा और वहनीयता (अफोर्डेबिलिटी) सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा।

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को यहां कहा कि भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा और वहनीयता (अफोर्डेबिलिटी) सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा।
पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) द्वारा तेल उत्पादन में प्रति दिन 20 लाख बैरल की कटौती के फैसले के बारे में पूछे जाने पर पुरी ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो भारत ऊर्जा स्रोतों का विविधीकरण करेगा।
पुरी ने यहां ‘जीईओ इंडिया 2022’ सम्मेलन में कहा, ‘यह (उत्पादन में कटौती) उनका संप्रभु अधिकार है, जो वे करना चाहें, लेकिन यह बताना भी मेरा काम है कि ऐसे सभी कार्यों के (इरादतन या गैर इरादतन) परिणाम होते हैं। भारत पूरे भरोसे के साथ स्थिति पर पार पाने में सक्षम होगा।’
उन्होंने कहा, ‘‘हम पेट्रोलियम उत्पादों की किसी भी तरह की कमी नहीं आने देंगे। सरकार ऊर्जा सुरक्षा और वहनीयता सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।’
पांच अक्टूबर को, तेल निर्यातक देशों के ओपेक+एलायंस ने तेल की कीमतों में गिरावट को देखते हुए नवंबर से तेल उत्पादन में कटौती करने का फैसला किया। इस कदम से वैश्विक अर्थव्यवस्था को भारी झटका लगने का अनुमान है।
मंत्री ने यह भी कहा कि वैश्विक स्तर पर ईंधन की कीमतों में वृद्धि हुई है और केंद्र सरकार का यह प्रयास है कि इसका प्रभाव उपभोक्ताओं पर न पड़े।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2010 में कांग्रेस सरकार के शासन के दौरान पेट्रोलियम क्षेत्र को नियंत्रणमुक्त (डीरेग्यूलेट) किया गया था और अब केंद्र सरकार बढ़ती कीमतों से राहत देने के लिए ईंधन पर उत्पाद शुल्क घटा सकती है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने नवंबर 2021 और मई 2022 में दो बार उत्पाद शुल्क में कटौती की।
पुरी ने कहा कि इस क्षेत्र के अनुमान के मुताबिक ईंधन की खपत बढ़ेगी क्योंकि अगले 20 साल में 25 फीसदी वैश्विक मांग भारत से आएगी। इसलिए प्रधान मंत्री ने अन्वेषण और उत्पादन क्षेत्र को खोलने का निर्णय किया।
उन्होंने कहा, ‘हमने उन स्रोतों में विविधता लाए हैं, जहां से हम ऊर्जा प्राप्त करते हैं और इसे आगे भी विविधता लाएंगे।’
मंत्री ने कहा कि पिछले छह महीनों के आयात के आंकड़ों के अनुसार, सऊदी अरब नंबर एक आपूर्तिकर्ता था और फिर इराक दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बन गया, लेकिन भारत को अपना निर्णय लेने की आजादी है। उन्होंने कहा, ‘हम अपने फैसले लेंगे और विविधता लाने से नहीं हिचकेंगे।’

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