राजस्थान के जयपुर में मेडिकल स्टोर की जांच करने की आड़ में रिश्वत लेने वाली महिला इंस्पेक्टर को रंगे हाथों जयपुर एसीबी की टीम ने गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान इंस्पेक्टर सिंधू कुमारी ने दो टूक कहा कि अकेले मेरे लिए नहीं है, ऊपर तक देना पड़ता है, नहीं देने पर कहते हैं कि बीकानेर ट्रांसफर करवा देंगे।
गिरफ़्तार सिंधू कुमारी के पास जयपुर के 500 मेडिकल स्टोर के निरीक्षण की ज़िम्मेदारी थी और वो हर एक स्टोर से हर महीने पांच-पांच हज़ार रुपये की वसूली करती थीं। दस दिन पहले ही एंटी करप्शन ब्यूरो के पास एक दवा दुकान मालिक ने शिकायत की थी कि कई सालों से ड्रग इंस्पेक्टर सिंधू कुमारी 5 हजार रुपये लेती है। इतना ही नहीं शिकायतकर्ता ने यह भी कहा कि इंस्पेक्टर रुपए नहीं देने पर भारी जुर्माना लगाने और मेडिकल दुकान को सीज करने की धमकियां देती थीं।
रिश्वत की दूसरी किश्त लेते हुए धरी गईं सिंधू कुमारी
शिकायत के मुताबिक सिंधू कुमारी ने 10 हजार रुपए मांगे थे। 5 हजार रुपए लेने के दौरान एसीबी ने शिकायत का सत्यापन किया और शुक्रवार 4 फरवरी को दूसरी किश्त के 5 हजार रुपए लेते समय एसीबी ने ड्रग इंस्पेक्ट सिंधू कुमारी को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। एसीबी के एडिशनल एसपी बजरंग सिंह शेखावत की टीम ड्रग इंस्पेक्टर के आवास की तलाशी ले रही है।
सिंधू कुमारी को ट्रैक करने के लिए बिछाया गया जाल
दुकानदार की शिकायत के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने आरोपी इंस्पेक्टर को एक रेस्टोरेंट में पैसे लेने के लिए बुलाया और वहां पर रंगे हाथों पकड़ लिया। ड्रग इंस्पेक्टर सिंधू कुमारी जब रिश्वत ले रही थी तब मेडिकल विभाग में मीटिंग चल रही थी। उन्हें बुलाया जा रहा था मगर वह रिश्वत लेने के लिए रेस्टोरेंट पहुंच गईं।
आज तक नहीं की किसी दूकान की जांच
सिंधू कुमारी ने आज तक कभी किसी दवा दुकान की जांच नहीं की, बस उनकी डिमांड होता है कि घर आकर पैसे दे जाओ। छोटे मोटे काम भी कराने होते हैं तो हर काम के लिए पैसे मांगती हैं। ड्रग स्टोर में या दवा दुकान में कोई नया कर्मचारी भी रखना है तो उसके बदले भी पैसे मांगती थी क्योंकि नियम के अनुसार राज्य इंस्पेक्टर को जानकारी देनी होती है।