राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के बारे में उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी का स्वागत करते हुए शुक्रवार को कहा कि सभी नागरिकों को भोजन उपलब्ध कराना हर सरकार की जिम्मेदारी है। गहलोत ने इस बारे में एक खबर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘उच्चतम न्यायालय की इस टिप्पणी का हम स्वागत करते हैं। हमारी केन्द्र सरकार से निरंतर मांग रही है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून का दायरा वर्तमान जनसंख्या के आधार पर बढ़ाया जाना चाहिए। सभी नागरिकों को भोजन उपलब्ध कराना हर सरकार की जिम्मेदारी है।
राजस्थान में करीब 900 इंदिरा रसोई संचालित
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान कोई भूखा ना सोए के संकल्प के साथ सभी को भोजन उपलब्ध कराया। उन्होंने लिखा, ‘‘आज भी राज्य में करीब 900 इंदिरा रसोई संचालित हैं जहां आठ रुपये में भरपेट भोजन मिलता है जिसमें राज्य सरकार 17 रुपये प्रति थाली अनुदान देती है।’’
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा था कि हमारी संस्कृति है कि किसी को भूखा नहीं सोना चाहिए। उसने केंद्र सरकार से यह भी सुनिश्चित करने को कहा था कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएसएफएस) के तहत खाद्यान्न अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।
न्यायालय ने कहा था, ‘‘यह सुनिश्चित करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि एनएफएसए के तहत खाद्यान्न अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। हम ऐसा नहीं कह रहे कि केंद्र कुछ नहीं कर रहा। केंद्र सरकार ने कोविड के दौरान लोगों तक अनाज पहुंचाया है। हमें यह भी देखना होगा कि यह जारी रहे। हमारी संस्कृति है कि कोई खाली पेट नहीं सोए।’’