राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल तेली की हत्या से पूरा देश स्तब्ध है। गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को कन्हैया लाल हत्याकांड की जांच अपने हाथ में लेने और मामले में किसी भी संगठन तथा अंतरराष्ट्रीय संलिप्तता का पता लगाने का निर्देश दिया है।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, ‘‘गृह मंत्रालय ने एनआईए को राजस्थान के उदयपुर में हुई कन्हैया लाल तेली की नृशंस हत्या की जांच करने का निर्देश दिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी संगठन और अंतरराष्ट्रीय संलिप्तता की गहन जांच की जाएगी।’’
आरोपियों का PAK से लिंक
नृशंस हत्या की जांच में अब तक जो खुलासे हुए हैं वे बेहद चौंकाने वाले हैं। हत्याकांड का पाकिस्तान से भी लिंक सामने आया है। वहीं दोनों आरोपियों का कनेक्शन काराची बेस्ड सुन्नी इस्लामिक संगठन दावत-ए-इस्लामी से सामने आया है। ये इस्लामी पाकिस्तान के कराची से चलने वाली चैरिटी के नाम पर बनी संस्था है। यह दुनिया भर में सुन्नी कट्टरपंथ को बढ़ावा देते हैं। इसके लिए दुनिया भर में ऑनलाइन कोर्स चलाए जाते हैं। इसका सम्बन्ध पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक से भी है।
हत्याकांड के बाद वायरल किया था Video
दरअसल, नूपूर शर्मा के समर्थन में एक पोस्ट की वजह से टेलर कन्हैयालाल की बर्बरता से हत्या कर दी गई। घटना को अंजाम देने वाले आरोपी मोहम्मद गौस और रियाज को गिरफ्तार कर लिया है। कन्हैया लाल की हत्या करने के बाद आरोपियों ने अपने गुनाह का कबूलनामा करते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया था। वीडियो में आरोपी बिल्कुल बेखौफ नजर आ रहे हैं। वीडियो में इन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को भी धमकी दी।
घटना को अंजाम देने के बाद उदयपुर से भागे आरोपियों को राजस्थान पुलिस ने राजसमंद जिले में नाका लगाकर दबोचा। दोनों आरोपी अजमेर शरीफ दरगाह की ओर बढ़ रहे थे और वहां एक अन्य वीडियो शूट करने वाले थे। रियाज एक वेल्डर है और हत्या में इस्तेमाल हथियार को उसने इस विवाद से काफी पहले तैयार किया था।