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एलईडी ने उजालो सु दमकियो राजस्थान

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जयपुर: राजस्थान रात को ‘दूधिया’ हो जाता है। राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने केंद्र की स्ट्रीट लाइटिंग नेशनल प्रोग्राम (एसएलएनपी) अपनी सभी अर्बन लोकल बॉडीज में अपना लिया है। पूरे राजस्थान में लगभग 5 लाख स्ट्रीट लाइटों को एलईडी लाइट में बदल दिया गया। इस प्रोजेक्ट को एनर्जी, एफिशिएंसी सर्विस लिमिटेड (ईईएसएल) की तरफ से फंड उपलब्ध कराया जा रहा है। ईईएसएल केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के अंतर्गत आता है। राजस्थान में चार शहरों को स्मार्ट सिटी के तहत चुना गया है। इसमें जयपुर, उदयपुर, अजमेर और कोटा शामिल है। एक बात तो कॉमन है कि इन सभी शहरों को एलईडी लाइटों से चमकाया जा रहा है।

स्थानीय निकाय विभाग राजस्थान के प्रमुख शासन सचिव डॉ. मनजीत सिंह ने बताया कि एनर्जी एफिशिएंसी में अजमेर और उदयपुर सबसे आगे हैं। उदयपुर में 25 करोड़ रुपयों से अधिक की लागत से लगभग 35,000 स्ट्रीट लाइट बदली गई है, जिनसे 1,400 किलोवाट की बचत होती है। इससे हर साल 6.36 मिलियन यूनिट बिजली की बचत होती है। महानगर पालिका को इससे हर साल लगभग 4.4 करोड़ रुपयों से ज्यादा की बचत होती है। वहीं, अजमेर में 14 करोड़ की लागत से 33 हजार स्ट्रीट लाइट एलईडी में बदली गई हैं।

इससे हर साल 4.6 यूनिट बिजली और 3.7 करोड़ रुपयों की सालाना बचत हो रही है। अब तक इस प्रोजेक्ट से 152 यूनिट बिजली और 60 लाख रुपयों की रोजाना बचत हो रही है। इससे कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन में 225 टन की कमी आई है। एसएलएनपी ने यह प्रोजेक्ट 5 जनवरी 2015 को लॉन्च किया था, जिसमें मार्च 2019 तक 3.5 करोड़ स्ट्रीट लाइट्स को एलईडी में परिवर्तित किया जाना है। सरकार ने अभी तक राजस्थान में लगभग 8 लाख एलईडी लाइट लगाई है। साथ ही, राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य है जिसकी महानगर पालिकाएं पूरी तरह एलईडी लाइट्स का इस्तेमाल कर रही हैं। एलईडी में आंध्र प्रदेश दूसरे नंबर पर है।

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विरासत बचाने की कवायद…
स्मार्ट सिटी मिशन की द्वितीय वर्षगांठ को राष्ट्रीय स्तर पर मनाने की तैयारियां पूरे जोरों पर हैं। इसके लिए शहर के नौ बाजारों को ‘पिंक’ यानी की गुलाबी किया जा रहा है। इसके अलावा जयपुर शहर की कई पुरानी इमारतों को पुराना लुक दिया जा रहा है। इसके लिए जिस तरह से पहले मसाले, गुड़ इत्यादी डाल कर पेस्ट तैयार किया जाता था, उसी तरीके से इमारतों को पुराने लुक में लौटाया जा रहा है। जयपुर में इस काम को कंजरवेशन ऑर्किटेक्ट कविता जैन अंजाम दे रही हैं। कविता बताती हैं कि इस काम का प्रोसेस बहुत धीमा है। अभी राजस्थान स्कूल ऑफ आट्र्स की इमारत तो पुराने लुक में लौटाया जा रहा है।

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राजस्थान में अन्नपूर्णा रसोई…
राजस्थान सरकार आम नागरिकों को सस्ती एवं रियायती दरों पर अच्छी गुणवत्ता का पौष्टिक एवं स्वच्छ आहार उपलब्ध कराने के लिए ‘अन्नपूर्णा रसोई योजना’ शुरू की है। इस योजना के तहत खास-तौर पर श्रमिक, रिक्शावाला, ऑटोवाला, कर्मचारी, विद्यार्थी, कामकाजी महिलाओं, बुजुर्ग एवं अन्य असहाय व्यक्तियों को मात्र 5 रुपए प्रति प्लेट में नाश्ता तथा मात्र 8 रुपए प्रति प्लेट में दोपहर का भोजन और रात्रि का भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, सबके लिए भोजन, सबके लिए सम्मान मिशन के साथ ‘अन्नपूर्णा रसोई योजना’ प्रथम चरण में 12 शहरों में शुरू की गई है।

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कृष्णा सर्किट… जयपुर स्मार्ट सिटी लि. के सीईओ तथा नगर निकाय के आयुक्त रवि जैन बताते हैं कि जयपुर एक धार्मिक नगरी भी है। इसके लिए एक कृष्णा सर्किट (9 मंदिर) तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा स्मार्ट सिटी में हम लोगों से पूछ रहे हैं कि उन्हें शहर में क्या चाहिए? कोर इंफ्रास्ट्रक्चर को दुरुस्त किया जा रहा है। प्रथण चरण में इस पर एक हजार करोड़ रुपए खर्च किया जा रहा है।

क्यूआर कोड से लैस होंगी इमारतें… राजस्थान के चमचमाते गुलाबी शहर जयपुर को महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने स्थापित किया था। अपने विशाल किलों और शानदार महलों के जरिए यह शहर शाही राजपूत विरासत को सैलानियों के सामने प्रदर्शित करता है। स्मार्ट सिटी में शामिल जयपुर के सभी इमारतों का क्यूआर कोड तैयार किया जा रहा है। यानी की कोड को अपने मोबाइल से स्कैन करें और उस ऐतिहासिक इमारत के बारे में अपने मोबाइल पर पढ़ सकेंगे।

सड़कों के किनारे स्मार्ट टॉयलेट… शहर को साफ-सुथरा बनाने के लिए स्थानीय नगर निकाल ने एक स्मार्ट टॉयलेट तैयार किया है। यह पूरी तरह से आधुनिक टॉयलेट हैं। खास बात यह है कि इसे साफ करने के लिए किसी व्यक्ति की जरूरत नहीं है। सभी कुछ ऑटोमैटिक है। इसमें पानी की खपत भी कम होगी। पूरे शहर में इसे 50 जगहों पर रखने की योजना है। अधिकारियों का मानना है कि इसका उपयोग टूरिस्ट बड़ी संख्या में कर सकेंगे।

– सुरेन्द्र पंडित

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