पंजाब कांग्रेस में हुए घमासान के बाद राजस्थान कांग्रेस इकाई में भी हलचल तेज हो गई है। राजस्थान की गहलोत सरकार के तीन मंत्रियों ने पार्टी की अंतिरम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर मंत्री पद छोड़ने और संगठन के लिए काम करने की इच्छा जाहिर की है। इन तीन मंत्रियों में राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा और शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा शामिल हैं।
कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी अजय माकन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे आपको यह जानकारी देते हुए खुशी हो रही है कि राजस्थान मंत्रिमंडल के हमारे तीन मंत्रियों ने आज सोनिया गांधी को पत्र लिखकर मंत्री पद छोड़ने की पेशकश की है और पार्टी के लिए काम करने की इच्छा जताई है।’’
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उन्होंने कहा कि चौधरी, डोटासरा व शर्मा ने इस बारे में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखे हैं। माकन ने कहा कि 30 जुलाई को यहां सभी विधायकों से मिलने के बाद उन्होंने मीडिया को बताया था कि कुछ विधायक मंत्री पद छोड़कर संगठन के लिए काम करना चाहते हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘पार्टी इनका सम्मान करती है। हमें खुशी है कि ऐसे लोग हैं जो पार्टी के लिए काम करना चाहते हैं।’’ डोटासरा इस समय कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं तो डॉ. शर्मा को पार्टी ने हाल में गुजरात मामलों का व हरीश चौधरी को कांग्रेस की पंजाब का प्रभारी नियुक्त किया है। इससे पहले जयपुर पहुंचने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व डोटासरा ने माकन का स्वागत किया। मुख्यमंत्री गहलोत ने दो दिन पहले मंत्रिमंडल पुनर्गठन जल्द होने की बात कही थी।
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वर्तमान में राज्य मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 21 सदस्य हैं। राज्य में विधायकों की संख्या 200 है, उस हिसाब से मंत्रिमंडल में अधिकतम 30 सदस्य हो सकते हैं। संख्या बल के हिसाब से राज्य विधानसभा में इस समय कांग्रेस के 108 व भाजपा के 71 विधायक हैं। इसके अलावा 13 निर्दलीय विधायक हैं।
गहलोत नीत सरकार अगले महीने अपने कार्यकाल के तीन साल पूरे करेगी। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार मंत्रिमंडल पुनर्गठन में सचिन पायलट खेमे के विधायकों के साथ साथ पिछले साल राजनीतिक संकट में सरकार का साथ देने वाले विधायकों की अपेक्षाओं को पूरा करने की चुनौती पार्टी आलाकमान पर रहेगी।
इन विधायकों में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से कांग्रेस में आए छह विधायक व दर्जन भर निर्दलीय विधायक भी हैं। हालांकि, मंत्रिमंडल पुनर्गठन के लिए अभी कोई तारीख तय नहीं है लेकिन पार्टी सूत्रों के अनुसार माकन के इस दौरे में पुनर्गठन व राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर निर्णय हो सकता है।