अलवर : जी हाँ, 4 जुलाई भगवान जगन्नाथ और जानकी का विवाह होने जा रहा है । राजस्थान के अलवर जिले में वर्षो से चली आ रही परम्परा के तहत 4 जुलाई को रूपबास क्षेत्र में भगवान जगन्नाथ जानकी के साथ परिणय सूत्र के बंधन में बंधेंगे।
इस विवाह में हजारों लोग बाराती बनेंगे एवं रूपबास और शहर के हजारों लोग जानकी का कन्यादान करेंगे। अलवर शहर में वर्षो से यह परम्परा चली आ रही है। रिसायतकाल में अलवर के राजा खुद पूजा करते थे और छोटे रथ में हाथी एवं घोड़ों के साथ सवारी निकली थी। अब उसका स्वरूप बदल गया है।
इस अवसर पर जगन्नाथपुरी के बाद देश में अपना अलग स्थान रखने वाले अलवर के भगवान जगन्नाथ की भव्य शोभायात्रा आज शाम 7 बजे गाजे बाजे के साथ निकाली जाएगी और यह शोभायात्रा पुराना कटला स्थित जगन्नाथ मंदिर से रवाना होगी।
शोभा यात्रा शहर के मुख्य रास्तों से होते हुए रूपबास स्थित रूप हरि मंदिर में पहुंचेगी। शोभायात्रा का रास्ते मे अनेकों जगह भव्य स्वागत किया जाएगा और आरती उतारी जाएगी।
शोभायात्रा के मार्ग पर वाहनों की आवाजाही बंद कर दी जाएगी।इसके बाद तीन दिनों तक रूपबास में मेला भरेगा। चार जुलाई की रात जानकी के साथ भगवान जगन्नाथ विवाह सम्पन्न होगा। पहले भगवान के विवाह की अन्य रस्में अदा की जाएगी।
भगवान जगन्नाथ का रथ पुराना कटला स्थित जगन्नाथ मंदिर से शाही लवाजमें के साथ रवाना होगा। जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक मंदिर में आरती करेंगे और बाद में प्रतिमा को रथ में रखा जाएगा। इस दौरान बूढ़े जगन्नाथ की प्रतिमा मंदिर में रखी जाती है।