राजस्थान में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम में बसपा पूरी तरह एंट्री कर चुकी है। सियासी तूफान को एक नया मोड़ देते हुए बसपा ने पिछले साल कांग्रेस में शामिल होने के लिये पार्टी छोड़ने वाले छह विधायकों को विधानसभा में शक्तिपरीक्षण के दौरान सत्तारूढ़ पार्टी (कांग्रेस) के खिलाफ मतदान करने का रविवार को व्हिप जारी किया।
इस बारे में मायावती ने मंगलवार को कहा कि “दुख की बात है कि सीएम अशोक गहलोत ने अपने मुख्यमंत्री बनने के बाद अपनी बदनियत से बसपा को राजस्थान में गंभीर नुकसान पहुंचाने के लिए हमारे 6 MLAs को असंवैधानिक तरीक से कांग्रेस में विलय करने की गैर कानूनी कार्यवाही की है और यही गलत काम उन्होंने पिछले कार्यकाल में भी किया था।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि “कांग्रेस का ये कार्य संविधान की 10वीं अनुसूचि के खिलाफ है इसलिए बसपा के द्वारा 6 विधायकों को व्हिप जारी कर निर्देशित किया गया है कि ये सदन में कांग्रेस के खिलाफ ही मत डालेंगे। बसपा ने ये निर्णय कांग्रेस के द्वारा बार-बार धोखा दिए जाने के कारण ही लिया है।” उन्होंने कहा कि ” इस कारण से इनकी (कांग्रेस) अब सरकार रहती है या नहीं रहती है इसका दोष अब पूर्ण रूप से कांग्रेस और उनके मुख्यमंत्री गहलोत का ही होगा।”
मायावती ने आगे कहा कि “बसपा पहले भी अदालत जा सकती थी लेकिन हम कांग्रेस पार्टी और सीएम अशोक गहलोत को सबक सिखाने के लिए समय की तलाश कर रहे थे। अब हमने कोर्ट जाने का फैसला किया है। हम इस मामले को खत्म नहीं होने देंगे। हम सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे। “