जयपुर : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसानों को सालाना छह हजार रुपये की आर्थिक मदद देने की मोदी सरकार की नयी योजना के उद्देश्य व समय पर सवाल उठाते हुए रविवार को कहा कि महंगाई के इस दौर में इतनी राशि का कोई मतलब नहीं है। इसके साथ ही गहलोत ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने यह सारा प्रयास आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए किया है लेकिन इससे उसे कोई मदद नहीं मिलेगी।गहलोत ने अपनी सरकार की विभिन्न योजनाओं का हवाला देते हुए कहा कि इससे ज्यादा राशि तो पहले ही राज्य के बुर्जगों, विधवाओं व बुजुर्ग किसानों को दी जा रही है और इससे अच्छा होता अगर केंद्र सरकार किसानों के लिए फसली कर्जमाफी की कोई योजना लाती जिसकी मांग कांग्रेस लंबे समय से कर रही है। ‘मोदी है तो मुमकिन है’ के भाजपा के चुनावी नारे पर चुटकी लेते हुए गहलोत ने कहा कि इस पार्टी के चुनावी वादों को देखा जाए तो इसे ‘मोदी है तो नामुमकिन है’ कहा जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने पहले औपचारिक संवाददाता सम्मेलन में गहलोत ने केंद्र सरकार की नयी योजना पर निशाना साधते हुए कहा, ‘आप चुनाव के वक्त (किसानों को सालाना) 6000 रुपये देकर क्या चाहते हैं? इस देश का किसान समझदार है, छह हजार रुपये की योजना बनाकर चुनाव जीतने का जो प्रयास आप करने जा रहे हैं उसको आपको सफलता नहीं मिलेगी।’ उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ही गोरखपुर में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू की और कहा कि इससे देश के करोड़ों किसानों को सालाना छह हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। गहलोत ने इस पर कहा, ‘मोदी कहते हैं कि कांग्रेस की सरकारों को दस साल में चुनाव के समय ही कर्जमाफी याद आती है। मैं पूछना चाहता हूं कि आप यह जो योजना लेकर आए हैं वह पांच साल पहले क्यों नहीं आई? आज जो योजना आप लेकर आएं हैं उसका तुक क्या है? यह बताएं और बताएं कि छह हजार रुपये की राशि का क्या तुक है? आप लागत सब्सिडी बढ़ा देते सारे किसानों को लाभ मिलता। इससे ज्यादा किसान खुश होते और उनका स्वाभिमान बना रहता।’
इसके साथ ही गहलोत ने मोदी के इस आरोप पर भी आपत्ति जताई कि राज्य सरकारें उनकी मानती नहीं हैं। गहलोत ने कहा कि यह तो चोरी और सीना जोरी वाली बात हुई। गहलोत ने कहा कि मोदी बिना सोचे समझे और पूरी जानकारी के बिना ही राज्य सरकार के फैसलों की आलोचना कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी को यह जानकारी होनी चाहिए वह किसानों को जो छह हजार रुपये की राशि दे रहे हैं उससे ज्यादा तो हम बुजुर्ग किसानों को पेंशन दे रहे हैं। पहले हम बुजुर्गों, विधवाओं व निशक्तजनों को जो पेंशन दे रहे हैं वह पति पत्नी मिलाकर एक साल की 24000 रुपये होती है। एकल स्तर पर भी हम बुजुर्ग किसानों को 12000 रुपये दे रहे हैं। तो इस 6000 रुपये का तुक क्या है। इस महंगाई के जमाने में छह हजार का मतलब क्या है।’ गहलोत ने कहा, ‘कोई समझ में आने वाली बात नहीं है। उन्होंने यह जो भी प्रयास किया है चुनाव की दृष्टि से किया है। चुनाव आयोग को आगे आकर इनसे सवाल करने चाहिए।‘ उल्लेखनीय है कि गहलोत सरकार ने किसानों के लिए सामाजिक सुरक्षा वृद्धजन कृषक सम्मान पेंशन योजना शुरू की है जिसमें बुजुर्ग किसानों को 1000 रुपये तक की मासिक पेंशन मिलेगी। योजना अगले महीने यानी एक मार्च से लागू होगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को राजस्थान के टोंक में चुनावी सभा को संबोधित किया। इस दौरान पार्टी ने एक नया नारा दिया ‘मोदी है, मुमकिन है।’ इस पर चुटकी लेते हुए गहलोत ने कहा कि ‘मोदी जहां है वहां नामुमकिन है।’ गहलोत ने कहा,‘ देश उनको देख चुका है। वे एक भी ऐसा वादा बता दें तो उन्होंने प्रधानमंत्री बनने से पहले, 2014 में अपने चुनाव अभियान के दौरान जनता से किया और उससे पूरा कर दिखाया हो। कौन सा वादा पूरा किया यह बता दें। इसका जवाब दें।’ गहलोत ने कहा कि देश में यह धारणा बन गयी है कि ‘मोदी चुनाव जीतने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। जो कि हमारे लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है।’
पुलवामा हमले के बाद आगामी लोकसभा चुनाव में आतंकवाद बड़ा मुद्दा बनने संबंधी सवाल पर गहलोत ने कहा, ‘ये तमाम बातें बनने वाली नहीं हैं क्योंकि जनता जवाब चाहती है। आप मुद्दा कुछ बनाओ लेकिन पांच साल पहले जब आप चुनाव जीते तब भी जनता के मन में संदेह था कि बार-बार ये जो पाकिस्तान की बात करते हैं आतंकवाद की करते हैं …. यह करते करते ही पांच साल निकाल देंगे और चुनाव से पहले पता नहीं कोई ऐसी कार्रवाई हो जाएगी जो चुनाव जीतने के काम आएगी। जिस सरकार के बारे में जनता की यह धारणा बन जाए संदेह पैदा हो जाए उसकी साख क्या रहेगी?