दलित महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर पलटवार करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को आरोप लगाया कि मोदी चुनाव जीतने के लिए इस मामले में राजनीति कर रहे हैं। गहलोत ने कहा कि मोदी को थानागाजी की घटना तो दिख गई लेकिन उन्होंने अपनी ही पार्टी के शासन वाले राज्यों में इस तरह की घटनाओं पर कभी एक शब्द नहीं बोला।
अपने निवास गहलोत ने कहा, “मोदी जहां भी जा रहे हैं किसी न किसी बात को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री पर निशाना साध रहे हैं। और तो और थानागाजी (अलवर) में सामूहिक दुष्कर्म की जो घटना हुई है, उसको लेकर भी उन्होंने सरकार पर आरोप लगाए जबकि उनके पास कोई जानकारी नहीं है।”
गहलोत ने कहा, “ये आरोप हमें स्वीकार्य नहीं हैं। बल्कि कहना चाहिए कि ये राजनीतिक आरोप हैं। चुनाव जीतने के हथकंडे के रूप में उसे देखा जा रहा है कि छठे व सातवें चरण के मतदान में उसका कैसे लाभ उठाया जाए। इसलिए उन्होंने ये आरोप लगाए।” मुख्यमंत्री ने कहा, “राजस्थान में भाजपा की पांच साल सरकार रही तब कितनी शर्मनाक घटनाएं हुईं, तब तो मोदी ने एक शब्द नहीं कहा। उत्तर प्रदेश में एक विधायक ने बलात्कार किया तो इलाहाबाद उच्च न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ा, तो उन्हें थानागाजी ही क्यों दिखा?”
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उन्होंने कहा, “थानागाजी मामले में हमने कार्रवाई करते हुए थानेदार को निलंबित कर दिया। पुलिस अधीक्षक को हटा दिया। पूरे थाने को लाईन हाजिर कर दिया।” उन्होंने कहा, “थानागाजी मामले को लेकर जिस तरह से चुनाव जीतने के लिए राजनीति हो रही है, उसे देखते हुए मेरा मानना है कि जनता इस बात को समझती है और मोदी को समझना चाहिए कि आप देश के प्रधानमंत्री हैं। आप बिना जानकारी के जो कर रहे हैं उसे उचित नहीं कहा जा सकता है।”
उल्लेखनीय है कि मोदी ने उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में एक चुनावी सभा में थानागाजी की घटना का जिक्र करते हुए कहा था कि राज्य की कांग्रेस सरकार और पुलिस इस मामले को दबाने की कोशिश करती रही। इस मामले को लेकर बसपा प्रमुख मायावती का भी बयान आया है।
गहलोत से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “दलित नेता के रूप में मायावती का बयान स्वाभाविक है, क्योंकि दलित परिवार के साथ अन्याय होगा तो उनका बोलना उचित है। राजस्थान में पांच साल तक उनकी पार्टी (मोदी) की सरकार थी। दलित विरोधी कौन लोग हैं जनता जानती है।” उन्होंने कहा कि इस तरह के मामलों में उनकी सरकार कड़े कदम उठाने से परहेज नहीं करेगी।