कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आनन्द शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास के दावे को जुमला बताते हुये कहा कि श्री मोदी मार्केटिंग और पैकेजिंग में माहिर है लेकिन पिछले साढ़ चार साल में उनकी हकीकत जनता सामने आ चुकी है तथा भाजपा के लिए भी वह बोझ बन चुके है। श्री शर्मा ने आज यहां पत्रकारों से बताचीत में कहा कि श्री मोदी ने विकास के नाम पर कुछ नहीं किया गया बल्कि विकास का ढोल पीटा गया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की दो बड़ गलत फैसलों की वजह से देश की अर्थ व्यवस्था चौपट हो गयी।
जिनमे पहला नोटबंदी और दूसरा माल और सेवा कर(जीएसटी) को हड़बड़ में लागू करना है। उन्होंने कहा कि श्री मोदी इन गलतियों को स्वीकार कर देश से माफी मांगने के बजाय घमंड में चूर है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद चलन से बाहर की गयी मुद्रा का 97़ 4 प्रतिशत वापस बैंकों के पास जमा हो गया। इसके चलते हजारों छोटे बड़ कारखाने और उद्योगधंधे बंद हो गये।
रोजगार की कमी हो गयी और कामगार काम से वंचित हो गये। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के 43 दिन के दौरान प्रतिदिन औसतन 11 करोड़ नागरिकों को कतारों में खड़ होना पड़। इस बीच 71 नोटिफिकेशन जारी किये गये। उन्होंने कहा लोकतंत्र देशों में कहीं भी ऐसा उदाहरण नहीं है जहां देश की आम जनता को इस कदर परेशान किया गया हो। श्री शर्मा ने जीएसटी को गलत ढंग से लागू करने का आरोप लगाते हुये कहा कि हमने सुझाव दिया था कि इसमे सभी वस्तुओें का शामिल किया जाना चाहिए और अधिकतम दर 18 प्रतिशत रखी जानी चाहिए।
लेकिन सरकार ने हमारी बात को अनसुना करते हुये पेट्रोल,डीजल,बिजली और एल्कोहल को इससे बाहर रखा गया। जिससे सरकार मनमानी कमाई कर सके और सरकार ने पेट्रोल पदार्थो पर लाखों करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया। राजस्थान में वसुंधरा सरकार को हर मोर्चे पर विफल करार देते हुये श्री शर्मा ने कहा इस सरकार को अब अपने कार्यकाल का लेखाजोखा जनता को देना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था इस कदर खराब हो चुकी है कि प्रतिदिन 12 बलात्कार की घटनाएं हो रही है।
युवाओं को रोजगार देने का वादा किया गया था जबकि हालत यह है राज्य में बेरोजगारी की दर राष्ट्रीय औसत से दूगनी है। उन्होंने कहा कि वसुंधरा सरकार ने निवेशकों को आमंत्रित कर राज्य में भारी निवेश कराने का आश्वासन दिया था और कागजो में कई समझौत पत्रों पर हस्ताक्षर हुये लेकिन उनमें से ज्यादातर या तो रद्द हो गये अथवा मामूली निवेश किया गया।
उन्होंने कहा कि वसुधरा सरकार के सत्ता में आने के बाद समाज के एक वर्ग में भय और खौफ का वातावरण बन गया। प्रदेश शिक्षा में पिछड़ गया, कुपोषण के मामले बढ़ गये और युवकों में निराशा हो गयी। हिन्दुत्व को लेकर चल रही ताजा बहस का जिक्र करते हुये श्री शर्मा ने कहा कि सरकार को यह नहीं भूलना चाहिए कि उसे केवल 31 प्रतिशत मत मिल है और 69 प्रतिशत मतदाता उसके समर्थक नहीं है लिहाजा उसे पूरे समाज का प्रतिनिधि होने का दावा करने से बचना चाहिए।