राजस्थान में मानसून के फिर फीका पड़ने के कारण अच्छी बरसात का दौर थम जाने से प्रदेश में बारिश की कमी वाले जिलों की संख्या बढ़कर दस पहुंच गई हैं। प्रदेश में अब तक औसत सामान्य वर्षा हो चुकी है लेकिन मानसून के कमजोर पड़ जाने से पिछले तीन-चार दिन में अच्छी बरसात का दौर थम गया।
इससे इन दिनों में राज्य में बारिश की कमी वाले जिलों की संख्या आठ से बढ़कर दस हो गई। जल संसाधन विभाग के अनुसार गत एक जून से 13 अगस्त तक राज्य में सामान्य वर्षा 337.30 मिलीमीटर की जगह 358. 21 मिलीमीटर बरसात हो चुकी है जो सामान्य वर्षा के आंकड़ से 6.2 प्रतिशत अधिक हैं।
सामान्य से 19 प्रतिशत अधिक एवं इतने ही प्रतिशत कम बारिश औसत सामान्य वर्षा की श्रेणी में मानी जाती है। राज्य में बरसात की कमी वाले दस जिलों में बांसवाड़, बाड़मेर, डूंगरपुर, गंगानगर, जालोर, जोधपुर, पाली, राजसमंद, सिरोही एवं उदयपुर शामिल है। इनमें सर्वाधिक बरसात की कमी सामान्य वर्षा से 56.4 प्रतिशत कम सिरोही जिले में बनी हुई हैं।
सिरोही जिले में अब तक सामान्य बारिश 543.20 मिलीमीटर की जगह 236.67 मिलीमीटर बारिश हुई हैं। इसी तरह जालोर में 51.8 प्रतिशत, बाड़मेर में 48. 3 एवं गंगानगर में 48.2 प्रतिशत बरसात की कमी है। शेष छह जिलों में इससे कम बरसात की कमी बनी हुई है। राज्य के सात संभागों में जोधपुर संभाग ही ऐसा संभाग हैं जहां बरसात की कमी बनी हुई हैं।
संभाग के छह जिलों में जैसलमेर को छोड़कर शेष जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, पाली एवं सिरोही में बरसात की कमी हैं। जोधपुर संभाग में सामान्य वर्षा 259.98 मिलीमीटर की तुलना में 155.23 मिलीमीटर बारिश हुई जो सामान्य से 40.3 प्रतिशत कम है। बरसात की कमी वाले अन्य शेष पांच जिले अन्य संभागों से हैं।
प्रदेश में सर्वाधिक बरसात कोटा संभाग में हुई जहां 469.08 मिलीमीटर सामान्य वर्षा की जगह अब तक 861़39 मिलीमीटर बरसात हो चुकी है जो सामान्य वर्षा से 83.6 प्रतिशत अधिक हैं। कोटा संभाग के बारां जिले में सर्वाधिक 10.63 प्रतिशत सामान्य से अधिक बारिश हुई। बारां में अब तक 497 मिलीमीटर की तुलना में अब तक 1025.38 मिलीमीटर बरसात हो चुकी है।
इसी तरह संभाग के कोटा, बूंदी, झालावाड़ में असामान्य वर्षा हो चुकी है। इनके अलावा भरतपुर संभाग के सवाई माधोपुर जिले में भी अब तक असामान्य वर्षा हो चुकी है। उल्लेखनीय है कि मानसून ने गत 18 जून को प्रदेश में प्रवेश करने के दो-तीन दिन बाद ही फीका पड़ गया और करीब एक महीने बाद फिर सक्रिय हुआ। इसके बाद राज्य में अच्छी बारिश हुई लेकिन तीन-चार दिन पहले फिर कमजोर पड़ गया।