राजस्थान के जयपुर में बेटे को स्कूल छोड़ने जाते समय बीच सड़क पर दबंगों ने एक महिला को घेर दिया और पेट्रोल छिड़कर आग लगा दी। आग लगने के कारण बुरी तरह झुलसी 35 वर्षीय महिला की मंगलवार रात एसएमएस अस्पताल में मौत हो गई। बताया जा रहा है कि महिला ने कुछ लोगों को उधार पर पैसे दिए थे, जिसे दबंग वापस नहीं करना चाह रहे थे। आरोपी महिला के रिश्तेदार बताए गए हैं।
पुलिस अधीक्षक (जयपुर-ग्रामीण) मनीष अग्रवाल ने बताया कि घटना 10 अगस्त को रायसर थाना क्षेत्र की है जहां पैसों के विवाद को लेकर महिला अनीता के रिश्तेदारों ने उसे जला दिया। उन्होंने बताया कि इलाज के दौरान बीती रात उनकी मौत हो गई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र यादव ने बताया कि बयान के आधार पर उनके रिश्तेदारों के खिलाफ मामला दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘10 अगस्त को आरोपियों ने महिला पर ज्वलनशील पदार्थ डाला और आग लगा दी। आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया था। आरोपी महिला के रिश्तेदार हैं और उसके घर के पास रहते हैं। कल रात इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई और हमें आज जानकारी मिली है।’’ उन्होंने कहा कि इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
ढाई लाख रुपए के लिए ली महिला की जान
घटना के वक़्त महिला का 6 साल का मासूम बच्चा अपनी मां को बचाने के लिए गिड़गिड़ता रहा। अनीता के पति ताराचंद ने बताया कि उन्होंने गांव के किसी शख्स को ढाई लाख रुपये उधार दिए थे। अब वह रुपये वापस नहीं लौटा रहा था। मांगने पर कई बार मारपीट कर चुका था। अनीता के पति के मुताबिक 10 अगस्त को उसकी पत्नी अपने 6 साल के बेटे को लेकर स्कूल जा रही थी।
इस दौरान कुछ लोगों ने उसे घेर लिया और हमला कर दिया। इस दौरान उसने खुद को बचाने का काफी प्रयास किया और पास के ही किसी घर में घुस गई। यहां से दो बार 100 नंबर पर फोन करके पुलिस को बुलाने की कोशिश भी की लेकिन पुलिस समय पर नहीं पहुंची। आरोपियों ने उसे पकड़ा और बाहर ले आए इसके बाद जिंदा जला दिया।
गहलोत सरकार पर हमलावर BJP
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री इस तरीके की घटनाओं के प्रति संवेदनशील नहीं हैं और उनको रोकने के लिए पूरे तरीके से नाकाम भी हैं। उन्होंने कहा कि यह पहली घटना नहीं है, इस तरीके की घटनाएं साल में हजारों हो रही हैं और अबतक पूरे प्रदेश में 7 लाख से अधिक मुकदमे दर्ज हुए हैं, औसतन 18 बलात्कार और 7 हत्याएं प्रतिदिन हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और गृह मंत्री की नाक के नीचे हुई यह घटना और सुदूर किसी आदिवासी क्षेत्र में होती है, किसी सीमावर्ती क्षेत्र में भी होती है, कभी मेवात के क्षेत्र में होती है, घटनाएं तभी होती है कि जब अपराधी बेखौफ होता है। पूनियां ने कहा कि राज्य सरकार की शिथिलता लापरवाही और कानून व्यवस्था के प्रति उसकी संवेदनहीनता, यह ऐसे मामलों को और ज्यादा प्रेरित करती है और यह घटना भी जो जमवारामगढ़ के रायसर गांव में घटित हुई, एक दलित महिला शिक्षिका के साथ में यह समाज के लिए आंख खोलने वाली घटना है, पुलिस यदि तत्पर होती, प्रशासन यदि तत्पर होता, यदि उसकी सुनवाई होती तो यह घटना नहीं होती।