राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य सरकार में होने वाले बदलाव को लेकर मीडिया के एक वर्ग में लगाई जा रही अटकलों को महज ‘अफवाह’ करार देते हुए शनिवार को कहा कि उनका इस्तीफा तो ‘परमानेंट’ रूप से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के पास है। इसके साथ ही उन्होंने बिना किसी राज्य का नाम लिए कहा कि जब मुख्यमंत्री बदलना होगा तो किसी को कानों कान खबर नहीं होगी।
इसमें कोई थोड़ा बहुत काम बाकी है तो वह भी हम करेंगे ..
मुख्यमंत्री गहलोत यहां राजस्थान राजस्व सेवा परिषद (राजस्थान तहसील सेवा के अधिकारी एवं गिरदावर/पटवारी संघ) के राज्य स्तरीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लोगों को मीडिया में चल रही इस तरह की अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। गहलोत ने इस साल के राज्य के बजट का जिक्र करते हुए कहा कि हर कोई इसकी चर्चा कर रहा है। उन्होंने कहा,’‘इसमें कोई थोड़ा बहुत काम बाकी है तो वह भी हम करेंगे … अफवाहें चलती रहती हैं मीडिया में अखबारों में … उसकी तरफ आपको ध्यान नहीं देना है।’’
उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत में संस्कृत के एक श्लोक का भावार्थ पढ़ते हुए कहा, ‘‘न तो मैं राज्य की कामना करता हूं, न ही मुझे स्वर्ग और मोक्ष चाहिए। दु:ख से पीड़ित प्राणियों के दुःख दूर करने में सहायक हो सकूं, यही मेरी कामना है।’’ गहलोत ने कहा कि उनके दिमाग में इस उद्धरण वाली बात है।
जब मेरा इस्तीफा परमानेंट उनके पास है, तो बार-बार ये बात आनी ही नहीं चाहिए कि
उन्होंने आगे कहा, ‘‘जब मैं 1998 में पहली बार मुख्यमंत्री बना तब से मैंने (कांग्रेस अध्यक्ष) सोनिया गांधी को अधिकृत कर रखा है.. मेरा इस्तीफा तो परमानेंट उनके पास है। जब मेरा इस्तीफा परमानेंट उनके पास है, तो बार-बार ये बात आनी ही नहीं चाहिए कि मुख्यमंत्री बदल रहा है, क्या हो रहा है?’ गहलोत ने कहा,‘’जब मुख्यमंत्री बदलना होगा तो किसी को कानों कान मालूम नहीं होगा।’’
मैं दो तीन दिन से अफवाह सुन रहा हूं कि फलां ये हो गया, फलां वो हो गया …
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह की अफवाहों से लोग भ्रमित होते हैं और राजकाज भी प्रभावित होता है। गहलोत ने कहा कि देश में कांग्रेस की आज जो स्थिति है, उसको लेकर पूरे देश को चिंतित होना चाहिए क्योंकि देश हित की सोचने वाला हर व्यक्ति चाहता है कि कांग्रेस मजबूत रहे। उन्होंने कहा,’‘इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि आप निश्चिंत रहें और मैं दो तीन दिन से अफवाह सुन रहा हूं कि फलां ये हो गया, फलां वो हो गया …पता नहीं क्या क्या चलता रहा है और मैं समझता हूं कि लोग भ्रमित (कन्फ्यूज) हो जाते हैं। अगर सरकार अस्थिर रहती है तो तो प्रशासन पर फर्क पड़ता है।’’
कांग्रेस की स्थिति आप देख रहे हैं,पूरे देश के लिए यह चिंता का विषय होना चाहिए
गहलोत ने कहा,’‘कांग्रेस की स्थिति आप देख रहे हैं,पूरे देश के लिए यह चिंता का विषय होना चाहिए। आज आरएसएस का भी आदमी है …(नितिन) गडकरी जैसे भाजपा के समझदार लोग भी, कांग्रेस को कभी वोट नहीं देने वाले आम नागरिक भी चाहते हैं कि देश में प्रतिपक्ष के रूप में कांग्रेस मजबूत रहे। वे देश हित चाहते है। वे (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी की तरह नहीं कहते कि कि कांग्रेस मुक्त भारत बनाएं। उन्होंने दावा किया कि जो कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते हैं, वे खुद मुक्त जाएंगे, लेकिन कांग्रेस कभी मुक्त नहीं होगी क्योंकि यह देश के हर गांव घर में मौजूद है।
गहलोत और पायलट के बीच राजनीतिक खींचतान जगजाहिर
इससे पहले गहलोत ने अपनी सरकार पर 2020 में आए राजनीतिक संकट का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस व समर्थक विधायकों को 34 दिन होटलों में रहना पड़ा। गहलोत ने कहा,’‘ तब सरकार बच गई और अब इसे दौड़ना चाहिए। हमने जो बजट पेश किया है, वैसा हिंदुस्तान की किसी भी सरकार ने पेश नहीं किया है।’’
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में मुख्यमंत्री गहलोत व पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच राजनीतिक खींचतान जगजाहिर है। पायलट ने हाल ही में दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व अन्य नेताओं से मुलाकात की। उसके बाद से ही राजनीतिक गलियारों में राज्य में सरकार में कुछ बदलाव के कयास मीडिया के एक वर्ग में लगाए जा रहे हैं।