राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को कहा कि नई राज्य महिला नीति-2021 इस दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महिला सशक्तीकरण के लिए प्रतिबद्ध भाव से काम कर रही है। उन्हें हर क्षेत्र में समान दर्जा दिलाने के लिए हमारी सरकार विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ-साथ महिला शिक्षा को बढ़ावा दे रही है।
गहलोत रविवार को कस्तूरबा जयन्ती के अवसर पर ‘गांधी दर्शन एवं महिला सशक्तीकरण’ विषय पर आयोजित राज्य स्तरीय महिला सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कस्तूरबा महिला सशक्तीकरण की अनूठी मिसाल थीं।
उनके जन्म दिवस पर राज्य सरकार द्वारा जारी महिला नीति से प्रदेश की करोड़ों महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी। गहलोत ने कहा, ‘‘हम मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने पर काम कर रहे हैं। सरकार के साथ-साथ समाज को भी इस दिशा में आगे आना होगा।’’
उन्होंने कहा कि महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए घूंघट प्रथा जैसी सामाजिक बुराइयों को दूर करना जरूरी है। राजस्थान में हमारी सरकार ने इस बुराई को समाप्त करने के लिए अभियान चलाया है। उन्होंने अपील की कि स्वयं सेवी संस्थाएं, सामाजिक कार्यकर्ता एवं प्रबुद्धजन इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाएं।
सम्मेलन में महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ममता भूपेश, अहमदाबाद के गुजरात विद्यापीठ के पूर्व कुलपति तथा गांधीवादी विचारक प्रो. सुदर्शन अयंगर, बाड़मेर की हस्तशिल्प कलाकार और नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित रूमा देवी ने भी अपने विचार व्यक्त किये।