जयपुर : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ कृष्णगोपाल ने कहा कि अहिष्णुता वाले लोगों को अपने व्यवहार में बदलाव लाना चाहिए। उन्हें भारतीय संस्कृति के अनुसार अपना व्यवहार रखना चाहिए।
अखिल भारतीय संस्कृति समन्वय संस्थान की ओर से भारत में धार्मिक जनसांख्यिकी असंतुलन पत्रिका के विमोचन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए डॉ कृष्णगोपाल ने कहा कि भारत में आज हिन्दू समाज हर क्षेत्र चाहे व्यापार हो या नौकरी उसमें आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा, ”आज विश्व में एक विशेष वातावरण बना हुआ, इस्लाम अपने अंदर ही परेशान है, इस्लाम के दो फिरके साथ नहीं रह सकते, जितनी असहिष्णुता बाहर वालों के लिये है, उतनी ही अंदर वालों के लिये भी है।” उन्होंने कहा कि मैं कई मुस्लिम लोगों से मिला हूं जिन्हें अपने मूल के बारे में पता है कि उनके पूवर्ज राजपूत थे, या ब्राहमण थे, बाद उनका धर्मातंरण हो गया। देशभर में ऐसी हजारों बस्तियां है जिन्हें उनके मूल के बारे में पता है और वो हिन्दू संस्कृति को मानते हैं और उस सभ्यता से जुड़े हैं। उनके मन में आता है कि वो वापस फिर से हिन्दू हो सकते है क्या, वो हिन्दू की ओर देखते है कि क्या हिन्दू उन्हें स्वीकार करेगा। वापस आने की पद्वति है और पूर्वजों के घर आने में कोई संकट नहीं है।
इस अवसर पर राजस्थान की उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने विश्वविद्यालयों में देश विरोधी नारे पर चिंता जाहिर करते इस मुद्दे को ढंग से ध्यान देना चाहिए। उन्होंने नागरिकों से देश के विकास, अखंडता एवं भारतीय संस्कृति को बढाने की अपील की।
– भाषा