राजस्थान के जालोर में दलित छात्र की पिटाई के मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी में इस्तीफों की झड़ी लग गई है। बारां नगर परिषद के 12 कांग्रेस पार्षदों ने पार्टी के विधायक पानाचंद मेघवाल का समर्थन करते हुए दलितों पर कथित अत्याचार के विरोध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपना इस्तीफा भेज दिया।
वहीं मंगलवार को दलित छात्र के परिवार से मिलने पहुंचे पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री को नसीहत देते हुए कहा कि सरकार को व्यवस्था बदलने के लिए खामियों को दूर करने के लिए काम करना चाहिए। वहीं बीजेपी ने मौके को लपकते हुए पायलट के इस बयान का समर्थन किया।
गहलोत सरकार को पायलट की नसीहत
सचिन पायलट ने दलित छात्र की मौत जैसी घटनाओं को कतई बर्दाश्त नहीं करने का आह्वान किया तथा पीड़ित परिवार पर कथित रूप से लाठीचार्ज किए जाने के लिए स्थानीय अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने पीड़ित परिवार से मिलने के बाद कहा, ‘‘हमें दलितों में यह विश्वास पैदा करना होगा कि हम उनके साथ खड़े हैं। इसके अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है। सरकार को व्यवस्था बदलने के लिए खामियों को दूर करने के लिए काम करना चाहिए।’’
केंद्रीय मंत्री ने किया पायलट के बयान का समर्थन
सचिन पायलट के इस बयान का समर्थन करते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि यह सिर्फ सचिन पायलट ही नहीं हैं जिन्होंने इसकी निंदा की है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं की अंतरात्मा बार-बार उठती रहती है। कभी भरत सिंह कुंदनपुर कुछ कहते हैं तो कभी कोई विधायक। लेकिन सीएम अपने ही नेताओं का मजाक उड़ाते हैं।
दलित लड़के की मौत : कांग्रेस के 12 पार्षदों ने CM अशोक गहलोत को भेजा इस्तीफा
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कल घटना की निंदा की थी, उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, जिन्होंने जालोर के स्कूल के लड़के के परिवार पर लाठीचार्ज किया था, जिसे उसके शिक्षक ने शिक्षक के बर्तन से पानी पीने के बाद पीट-पीट कर मार डाला था।
दरअसल, जालोर जिले के सुराणा गांव में पानी के घडे़ को छूने पर नौ साल के छात्र को कथित रूप से शिक्षक छैल सिंह ने पीटा था। शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया है और राज्य की कांग्रेस सरकार निजी स्कूल के खिलाफ भी कार्रवाई कर रही है। लेकिन घटना को लेकर विवाद बना हुआ है।