राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के करीबी रहे राजस्थान विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस विधायक दीपेन्द्र सिंह शेखावत ने बुधवार को कहा कि पायलट का समर्थक गुट किसी पद के लिये सौदेबाजी नहीं कर रहा बल्कि पार्टी कार्यकर्ताओं के लिये सम्मान चाहता है।
शेखावत का यह बयान उस समय आया है, जब पायलट गुट में आलाकमान द्वारा गठित कमेटी के 10 महीने बीत जाने के बाद भी उनकी मांगों को पूरा करने में हो रही देरी से नाराजगी दिखाई दे रही है। शेखावत ने कहा, ‘‘ यह बिल्कुल पद या सत्ता के लिये सौदा नहीं है।
यह उन पार्टी कार्यकर्ताओं के गौरव, आदर और सम्मान का सवाल है जो पार्टी के लिये वर्षों से लड़ाई लड़ रहे हैं। उन लोगों ने कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिये भाजपा से लड़ाई की।’’ सीकर के श्रीमाधोपुर से विधायक शेखावत ने कहा कि मंत्रिमंडल, बोर्ड और निगमों में पदों की संख्या के लिये सौदेबाजी की खबरे झूठी हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘पायलट और हम सब राजस्थान के जमीनी स्तर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सम्मान और स्वाभिमान के लिये प्रयासरत हैं।’’ पांचवी बार विधायक बने शेखावत ने कहा, ‘‘जिन व्यक्तियों ने 2014 के बाद से भाजपा की वसुंधरा राजे और नरेन्द्र मोदी की सरकारों का डटकर मुकाबला किया, उन्होंने 2013 में कांग्रेस की सबसे खराब हार जिसमें 200 में से पार्टी को केवल 21 सीटे मिली थीं, उसके बाद कांग्रेस को पुनर्जीवित करने के लिये अपना खून और पसीना बहाया।
हमारी पार्टी सत्ता में है तो उन्हें इसका सम्मान दिलाने की आवश्यकता है।’’ हालांकि, उन्होंने कहा कि राजनीतिक नियुक्तियां उन लोगो को दी जानी चाहिए जिन्होंने मतदान केन्द्रो पर कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करने में भूमिका निभाई, ना कि सेवानिवृत्त नौकरशाहों और अधिकारियों को।
मंगलवार को कांग्रेस में शामिल हुए बसपा विधायकों ने पूर्व उपमुख्यमंत्री पायलट गुट पर निशाना साधते हुए पार्टी आलाकमान द्वारा असंतुष्ट पायलट गुट को शांत करने लिये किसी भी कदम पर आपत्ति जताई थी। वहीं, एक अन्य कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा ने बिना किसी का नाम लिये कहा था कि मंत्रिमंडल में नौ सीटें खाली हैं और 25 विधायक पद पाने के लिये निगाहें जमाये हुए हैं।