जयपुर : नीति आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान पेयजल आपूर्ति स्तर के मामले में पीछे है और सिर्फ 44 प्रतिशत ग्रामीण बस्तियों में ही पूरी तरह से जलापूर्ति हो रही है। नीति आयोग ने राज्य से ग्रामीण बस्तियों में पेय जल की गुणवत्ता और पहुंच दर में सुधार करने को कहा है। इसके साथ ही आयोग ने भूजल संरक्षण और सहभागितापूर्ण सिंचाई के लिए राज्य के प्रयासों की सराहना की है।
रिपोर्ट में एक समग्र जल प्रबंधन सूचकांक को भी शामिल किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 2016-17 में आर्सेनिक और फ्लोराइड प्रदूषण के संबंध में पानी की गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं हुआ है। लोक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग और भूमिगत जल मंत्री सुरेंद्र गोयल ने पीटीआई से कहा कि पानी की कमी की चुनौतियों के बावजूद , राज्य सरकार विभिन्न लोक कल्याणकारी जल परियोजनाओं पर काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि हम ग्रामीण और शहरी इलाकों में लोगों को भूजल उपलब्ध कराने के लिए परियोजनाओं पर करीब 20,000 करोड़ रुपये खर्च करेंगे। नीति आयोग ने जल निकायों की 80 प्रतिशत सिंचाई क्षमता बहाल करने के राजस्थान के प्रयासों की सराहना की है। राजस्थान ने सहभागितापूर्ण सिंचाई और स्रोत बहाली पर स्तर में भी सुधार किया है।
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