राजस्थान में पिछले एक महीने से जारी सियासी घमासान आखिर खत्म हो गया है। 34 दिन बाद सचिन पायलट दिल्ली से जयपुर स्थित अपने घर पहुंचे हैं। इस अवसर पर बड़ी संख्या में उनके समर्थक स्वागत के लिए मौजूद थे।
पायलट सड़क मार्ग से शाम में जयपुर पहुंच गये। पायलट के राजधानी जयपुर में पहुंचने की खबर मिलने पर बड़ी संख्या में उनके समर्थक उनके निवास के बाहर एकत्रित हो गये और उनके समर्थन में नारे लगाने लगे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सचिन पायलट के बीच सोमवार को बैठक हुई थी और इसके साथ ही लगभग एक महीने से चल रहे राजस्थान संकट के सौहार्दपूर्ण हल निकलने का संकेत दिया गया था।
पायलट के साथ गये 18 विधायकों में से तीन निर्दलीय विधायकोंने भी आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात कर उनके प्रति विश्वास व्यक्त किया है। वहीं इस बीच सचिन पायलट ने कहा कि राजनीति में द्वेष या व्यक्तिगत शत्रुता का कोई स्थान नहीं है, राजनीति में शालीनता होनी चाहिए।
पायलट ने कहा कि मेरे और कुछ विधायकों द्वारा उठाए गए मुद्दों के बाद कांग्रेस द्वारा तीन सदस्यीय समिति बनाई गई है। हमने जो मुद्दे उठाए, वे महत्वपूर्ण थे। राजनीति में द्वेष या व्यक्तिगत शत्रुता का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि “हमारी बैठक में प्रियंका जी और राहुल जी ने हमारी शिकायतों को धैर्यपूर्वक सुना और आश्वासन दिया कि उन्हें हल करने के लिए एक रोड मैप तैयार किया जाएगा।”
सीएम गहलोत के ‘निकम्मा और नकारा’ बोले जाने पर सचिन ने कहा कि “मैंने अपने परिवार से कुछ संस्कार हासिल किए हैं। कितना भी मैं किसी का विरोध करुं किसी भी दल का नेता हो मेरा कट्टर दुश्मन भी हो। मैंने कभी ऐसी भाषा का प्रयोग नहीं किया। अशोक गहलोत जी उम्र में मुझसे काफी बड़े हैं और व्यक्तिगत रूप से मैंने उनका सम्मान ही किया है।”
वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि “पार्टी में शांति, भाईचारा, सद्भाव रहेगा। तीन लोगों की कमेटी बनी है, उनकी कोई शिकायतें होंगी तो वो उनको बता देंगे। 100 से ज्यादा लोगों (विधायकों) का इतने समय तक एक साथ रहना इतिहास बन गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के तरफ से सरकार गिराने की कोशिश नाकाम रही। पार्टी का एक आदमी टूट कर नहीं गया।
बता दें कि उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से मुलाकात के बाद सोमवार को कहा कि पद को लेकर उनकी कोई लालसा नहीं है और उम्मीद है कि समस्या का जल्द समाधान हो जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनके और उनके समर्थक विधायकों द्वारा जो मुद्दे उठाए गए थे, वे सैद्धांतिक थे और इनके बारे में कांग्रेस आलाकमान को अवगत करा दिया गया है।