राजस्थान में सियासी हलचल तेज हो गई है। लगातार कांग्रेस पार्टी में बगावत की खबरें सामने आ रही है, जहां बीते दिन कांग्रेस विधायक दल की बैठक जयपुर में होने वाली थी और इस बात पर भी निर्णय होने वाला था कि गहलोत के बाद कौन राज्य का नया मुख्यमंत्री बनेगा, उससे पहले ही अब राज्य के 82 विधायकों ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है, जिसके बाद कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है।
हालांकि विधायकों के फैसले के बाद अब सोनिया गांधी वन टू वन सभी विधायकों से बातचीत करने वाली है। ताकि उनकी इच्छाओं के बारे में जाना जा सके। बता दे विधायकों ने कांग्रेस आलाकमान के सामने तीन बड़ी शर्ते रखी है। अगर कांग्रेस उन शर्तो को नहीं मानेगी तो सभी विधायक इस्तीफा दे देंगे। विधायकों के इस फैसले के बाद जब कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने अशोक गहलोत से बातचीत करके विधायकों को मनाने के लिए कहा तो गहलोत ने भी अपने हाथ खड़े कर दिए। उनका कहना है कि यह सारा फैसला विधायकों का है, इसमें वह कुछ नहीं कर सकते हैं।
विधायकों की तीन शर्ते
बता दें, सोनिया गांधी ने अजय माकन को विधायकों से आमने-सामने बातचीत करने का निर्देश दिया है। ताकि विधायक अपनी बात सामने रख सकें। विधायकों ने जो तीन शर्ते रखी है, उसके अनुसार सीएम अशोक गहलोत अध्यक्ष पद पर चुनाव होने के बाद ही अपना इस्तीफा पेश करें यानी कि नए सीएम का ऐलान 18 अक्टूबर के बाद होना चाहिए। इसी के साथ विधायकों की दूसरी शर्त है कि नया मुख्यमंत्री 102 विधायकों में से ही बनना चाहिए, जिन्होंने 2020 में सचिन पायलट की बगावत के दौरान सरकार गिरने से रोका था।
हम आपको बता दे विधायकों ने कांग्रेस आलाकमान के सामने यह भी शर्त रखी है कि सीएम अशोक गहलोत ही उनके विधायक दल के नेता हैं और उन्हें एक साथ 2 पदों पर काम करने की अनुमति दी जाए यानी गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बने और सीएम पद भी संभाल ले।