राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को कहा कि राहुल गांधी ने ‘मोदी सरनेम (उपनाम) को लेकर राजनीतिक टिप्पणी की थी और यह एक राजनीतिक आरोप था । गहलोत ने कहा, ‘‘राहुल गांधी ने जब बोला था तब यह राजनीतिक आरोप था या एक प्रकार से राजनीतिक टिप्पणी थी। उसको लेकर इस प्रकार इसे अदालत में भेजा गया। मुझे न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है कि आने वाले वक्त में सही फैसला होगा और इसमें जो इन्होंने कोशिश की है संदेश देने की, उसमें ये कामयाब नहीं होंगे।
राहुल गांधी की टिप्पणी राजनीतिक प्रकृति की थी
गहलोत ने कहा कि न्यायपालिका, सीबीआई, ईडी और अन्य सरकारी एजेंसियां दबाव में काम कर रही हैं फिर भी उन्हें विश्वास है कि सही फैसला बाद में आएगा। भाजपा द्वारा राहुल गांधी को ‘मीर जाफर’ कहने पर गहलोत ने कहा कि मीर जाफर की भूमिका राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान निभाई थी। गहलोत ने भरतपुर में बृहस्पतिवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा “राहुल गांधी की टिप्पणी राजनीतिक प्रकृति की थी और राजनीति में ऐसी टिप्पणी चलती रहती है। ऐसी टिप्पणी अतीत में अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी ने भी की होगी, लेकिन वह एक अलग युग था ।
न्यायपालिका पर भरोसा है क्योंकि….
उन्होंने कहा, ‘‘यह एक राजनीतिक आरोप था जिससे जनता को एक संदेश देना था, कि मोदी नाम के लोग जो हैं वो क्यों ऐसी हरकतें करते हैं । इसका मतलब यह भी होता है कि मोदी के सरनेम के जो लोग है उनको लगता है कि प्रधानमंत्री हमारा आदमी है.. हमें बचा लेगा.. हमारा कौन क्या बिगाड़ लेगा.. यह भी तो मतलब होता है उसका।’’ उन्होंने कहा कि न्यायपालिका दबाव में है और फैसले प्रभावित होते हैं और इस तरह लोकतंत्र खतरे में है। हालांकि, उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा है क्योंकि सही फैसला बाद में आएगा।