राजस्थान में एक बार फिर भारी बरसात एवं कई बांधों के गेट खोलने से कोटा, झालावाड़, धौलपुर सहित कुछ जिलों के निचले क्षेत्रों में पानी भर गया और सेना, एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ सहित कई बचाव दल राहत कार्य में लगे हैं।
राजधानी जयपुर सहित कई क्षेत्रों में आज भी अच्छी बरसात हुई।
जल संसाधन विभाग के अनुसार पिछले चौबीस घंटों में सर्वाधिक 224 मिलीमीटर वर्षा झालावाड़ के गंगधार में दर्ज की गई है। मानूसन की एक बार फिर अच्छी बरसात के कारण कोटा जिले के कोटा बैराज बांध के 19 गेट खोलकर छह लाख 85 हजार 461 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। इसी तरह टोंक जिले में स्थित बिसलपुर बांध के बारह गेट के जरिए दो लाख 16 हजार 360 क्यूसेक, कोटा के जवाहर सागर बांध के ज्ञारह गेट से छह लाख 74 हजार 628, बांसवाड़ जिले में माही बजाज सागर के सोलह गेट खोलकर 87793, झालावाड़ में कालीसिंध बांध के नौ गेट के जरिए दो लाख 19 हजार 166 क्यूसेक एवं चित्तौड़गढ में राणा प्रताप सागर बांध के 19 गेट खोलकर छह लाख 60 हजार 524 क्यूसेक पानी छोड़ जा रहा है।
बांधों से पानी छोड़ जाने के कारण कई क्षेत्रों में निचली बस्तियों में पानी भर गया और सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ बचाव कार्य में जुटी हुई है। मध्यप्रदेश में चंबल के कैचमेंट एरिया में लगातार बारिश होने से चंबल में पानी की आवक जारी है। यहां शनिवार से सेना राहत एवं बचाव कार्य में लगी है। कोटा बैराज से पानी छोड़ जाने के कारण धौलपुर, सवाईमाधोपुर एवं करौली में चंबल नदी उफान पर है जिससे नदी के किनारे बसे कई गांव पानी से घिरे हैं। आपदा प्रबंधन और जिला प्रशासन हालातों पर नजर रखे हुए हैं। हालांकि इस दौरान किसी जानमाल के नुकसान के समाचार नहीं है।
अच्छी बरसात के कारण राज्य में अब तक 508़ 50 मिलीमीटर सामान्य वर्षा के मुकाबले 722़ 28 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है जो सामान्य 40 प्रतिशत अधिक है। राज्य में अब तक 21 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हो चुकी है जिनमें सात जिलों अजमेर, बूंदी, चित्तौड़गढ़, झालावाड़, नागौर, प्रतापगढ़ और राजसमंद असामान्य बरसात रिकॉर्ड की गई।
राज्य में अच्छी वर्षा से राज्य के बांधों का जलस्तर बढ़कर 10622़60 एमक्यूएम पहुंच गया जो उनकी भराव क्षमता का 83़ 63 प्रतिशत है। राज्य में अब तक 388 बांध लबालब हो चुके है जिनमें 137 बांध बड़ है। इसके अलावा 257 बांध आंशिक रुप से भर गये है। गत वर्ष इस दौरान बांधों का जलस्तर 7406़ 36 एमक्यूएम पहुंचा था। गत वर्ष की तुलना में इस बार बांधों के जलस्तर में अब तक 25 प्रतिशत से अधिक वृद्धि दर्ज की गई है।