राजस्थान की एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) टीम ने तीन सरकारी अधिकारियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में छापेमारी कर करोड़ों की संपत्ति को सीज किया। गुरुवार को जयपुर, जोधपुर और चित्तौड़गढ़ में तीनों अधिकारियों के 14 ठिकानों पर एक साथ शुरू हुई कार्रवाई आज भी जारी है।
जोधपुर के सूरसागर थानाधिकारी प्रदीप शर्मा के पास 4 करोड़ की संपत्ति का खुलासा हुआ है। यह उनकी वैध संपत्ति से 333 फीसदी ज्यादा है। उनके पास से जोधपुर जिले में 10 बीघा जमीन पर स्कूल, खनिज स्टोन लीज और बीकानेर में भूखंड के दस्तावेज बरामद किए गये हैं। आरटीआई कार्यकर्ता नंदलाल व्यास की ओर से 7 जुलाई 2019 और 11 फरवरी 2020 को थानाधिकारी प्रदीप शर्मा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत दर्ज कराई गई थी।
जयपुर विकास प्राधिकरण के इंजीनियर निर्मल गोयल के घर आय से ज़्यादा संपत्ति मिली है। निर्मल गोयल की सैलरी डेढ़ लाख है, लेकिन जयपुर की पॉश कॉलोनी में चार आवास, फार्म हाउस के अलावा घर पर 3 लाख 87 हजार नगद, तीस लाख का सोना, 245 यूरो, दो हजार डॉलर और मर्सिडीज समेत 5 महंगी कारें मिली हैं। जबकि तीन बैंकों में इस इंजीनियर के लॉकर भी हैं।
वहीं चित्तौड़गढ़ में जिला परिवहन अधिकारी मनीष शर्मा के पास करीब दो करोड़ के निवेश के कागजात मिले हैं। फ़्लैट में एक लाख रुपये नगद और विदेशी यात्राओं के दस्तावेज़ एंटी करप्शन ब्यूरो ने ज़ब्त किए हैं। कई महंगी बाइक और गाड़ियां भी बरामद हुई हैं। एसीबी पांच टीमों ने मनीष शर्मा के छह स्थानों की तलाशी ली और इसमें पहली टीम को शर्मा के चितौड़गढ स्थित फ्लैट की तलाशी में नकद 99500/रूपये, एक इनफील्ड बाईक, एक एसयूवी, विदेश यात्राओं से संबंधित दस्तावेज मिले हैं। इनके उदयपुर व जयपुर में एक एक फ्लैट को सील किया गया है।